Friday Remedies Lakshmi Puja: आज शुक्रवार को करें मां लक्ष्मी की पूजा, मन में दबी इच्छा होगी पूरी
Friday Remedies Lakshmi Puja: माता लक्ष्मी का आर्शीवाद पाने के लिए नारियल अर्पित करें. इसलिए सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूर्जा अर्चना अवश्य करें.
पटनाः Friday Remedies Lakshmi Pujan: सनातन परंपरा में शुक्रवार के दिन का बहुत महत्व है. आज शुक्रवार है और आज माता लक्ष्मी का आराध्य दिन है. माता लक्ष्मी धन और वैभव की देवी है. इस जगत में ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाना बहुत आवश्यक है. माता लक्ष्मी का आर्शीवाद पाने के लिए नारियल अर्पित करें. इसलिए सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूर्जा अर्चना अवश्य करें. महिलाएं सौभाग्यवती का अशीर्वाद पाने के लिए माता लक्ष्मी को लाल चुनरी में नारियल लपेटकर अर्प्रित करें. शृंगार का सामान चुड़ी, सिंदूर, लाल वस्त्र माता लक्ष्मी को अवश्य अर्पित करना चाहिए.
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
सफेद वस्त्र में सात कौंच के बीज तीन काली मिर्च, तीन लौंग और एक साबूत तेजपत्ता को लपेटकर सायंकाल से पहले माता काली को समर्पित करते हुए अपनी मनोकामना का स्मरण करें.
भविष्यवाणी
इस माह में पांच सोमवार पड़ रहा है. चंद्रमा के जातक को इस माह में उनके काम के अनुरूप फल मिलेगा. जिनका मूलांक दो है अर्थात जिस जातक के आराध्य देव चंद्रमा हैं उन्हें इस महीने सफेद चीजों का दान नहीं करना चाहिए.
माता लक्ष्मी की आप
ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुम को निस दिन सेवत, मैयाजी को निस दिन सेवत हरि विष्णु विधाता।।
ऊं जय लक्ष्मी माता ...
उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता
ऊं मैया तुम ही जग माता।
सूर्य चन्द्र मां ध्यावत, नारद ऋषि गाता।।
ऊं जय लक्ष्मी माता ..
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पति दाता
ऊं मैया सुख सम्पति दाता।
जो कोई तुम को ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि धन पाता।।
ऊं जय लक्ष्मी माता ..
तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभ दाता
ओ मैया तुम ही शुभ दाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशिनि, भव निधि की दाता
ऊं जय लक्ष्मी माता ..
जिस घर तुम रहती तह सब सद्गुण आता
ऊं मैया सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।।
ऊं जय लक्ष्मी माता ..
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
ऊं मैया वस्त्र न कोई पाता।
ख़ान पान का वैभव, सब तुम से आता
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता
ऊं मैया क्षीरोदधि जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
महा लक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
ऊं मैया जो कोई जन गाता।
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
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