Jharkhand News: रांची के मोरहाबादी मैदान में 18 दिनों से चल रहे राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव का मंगलवार को समापन हो गया. इस मौके पर आयोजित समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि यह महोत्सव न केवल हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है.
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रांची: Jharkhand News: रांची के मोरहाबादी मैदान में 18 दिनों से चल रहे राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव का मंगलवार को समापन हो गया. इस मौके पर आयोजित समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि यह महोत्सव न केवल हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है, बल्कि ग्रामीण विकास और स्वरोजगार के लिए एक सशक्त मंच भी साबित हुआ है.
उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि खादी आत्मनिर्भरता और श्रम की गरिमा का प्रतिनिधित्व करती है. यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक रही है और आज भी हमारे कारीगरों को रोजगार देने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और आत्मनिर्भरता को सशक्त बना रही है.
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन के स्लोगन का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से खादी को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है. ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से खादी को जन आंदोलन बनाने की उनकी पहल से ग्रामीण कारीगरों और श्रमिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है.
राज्यपाल ने खादी एवं सरस महोत्सव में भागीदारी करने वाली महिला उद्यमियों के हस्तनिर्मित उत्पादों की सराहना की. उन्होंने बुनकरों, हस्तशिल्पियों और कारीगरों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आपके श्रम और कौशल ने झारखंड के ग्रामीण उद्यमों की अपार संभावनाओं को प्रदर्शित किया है.
इस अवसर पर उपस्थित झारखंड सरकार के श्रम एवं नियोजन मंत्री संजय यादव ने कहा कि इस तरह का महोत्सव राज्य के सभी जिलों में आयोजित होना चाहिए. राज्य के गोड्डा में सिल्क का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है. वहां इस तरह का आयोजन होने से सिल्क और खादी के उत्पादों को बड़ा बाजार मिलेगा.
रांची में खादी एवं सरस महोत्सव की शुरुआत 20 दिसंबर को हुई थी. उद्घाटन समारोह में ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह शामिल हुई थी. इस बार मेले में 500 से अधिक स्टॉल लगाए गए थे. इस बार मेले में स्टॉल के नाम झारखंड के जंगलों में पाए जाने वाले पेड़ों के नाम पर रखे गए थे. खादी संस्थाओं के साथ-साथ विभिन्न सरकारी, गैर सरकारी और निजी संस्थाओं ने इसमें भाग लिया. 18 दिनों के दौरान इस महोत्सव में तीन लाख से भी अधिक लोगों ने मेलास्थल का भ्रमण किया.
इनपुट- आईएएनएस के साथ
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