Gopashtami 2022: गोपाष्टमी पर गो माता के पूजन के बाद जरूर करें ये आरती, मिलेगा महालाभ
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Gopashtami 2022: गोपाष्टमी पर गो माता के पूजन के बाद जरूर करें ये आरती, मिलेगा महालाभ

Gopashtami 2022: गोपाष्टमी पर्व की परंपरा श्रीकृष्ण ने शुरू की थी. हालांकि गाय युगों-युगों से पूजित रही है, लेकिन महाभारत काल में जब एक बार इंद्र का घमंड बढ़ता जा रहा था. तब श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा बंद करवा दी थी.

Gopashtami 2022: गोपाष्टमी पर गो माता के पूजन के बाद जरूर करें ये आरती, मिलेगा महालाभ

पटनाः Gopashtami Gau Mata Ki Aarti:सनातन संस्कृति में आज गोपाष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. आज के दिन गाय और भगवान की पूजा-अर्चना करने की परंपरा है. सनातन परंपरा में गाय पूजनीय मानी जाती है. इस दिन गाय की पूजा और उसकी सेवा आदि करने से सभी तरह के कष्टों का नाश होता है साथ ही घर में सुख-समृद्धि भी आती है. गोपाष्टमी के दिन गाय और गोवंशों की सुरक्षा, संवर्धन और उनकी सेवा का संकल्प लेकर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है.

गोपाष्टमी पर्व की परंपरा श्रीकृष्ण ने शुरू की थी. हालांकि गाय युगों-युगों से पूजित रही है, लेकिन महाभारत काल में जब एक बार इंद्र का घमंड बढ़ता जा रहा था. तब श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा बंद करवा दी थी. गोपाष्टमी के दिन गौ माता के शरीर पर हाथों से मेहंदी, हल्दी, रोली के थापे लगाए जाते हैं. उनकी सींगों को हल्दी से रंगा जाता है. इसके बाद धूप, दीप, गंध, पुष्प, अक्षत, रोली, गुड़, वस्त्र आदि सामग्री से गाय की पूजा की जाती है. इस दिन गऊ माता की पूजा के बाद उनकी ये आरती जरूर करें.

गऊ माता की आरती

श्री गौमता जी की आरती
आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की .

अर्थकाम सद्धर्म प्रदायिनि,
अविचल अमल मुक्तिपददायिनि ।
सुर मानव सौभाग्य विधायिनि,
प्यारी पूज्य नंद छैय्या की .
. आरती श्री गैय्या मैंय्या की....

अख़िल विश्‍व प्रतिपालिनी माता,
मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता ।
रोग शोक संकट परित्राता,
भवसागर हित दृढ़ नैय्या की .
. आरती श्री गैय्या मैंय्या की....

आयु ओज आरोग्य विकाशिनि,
दुख दैन्य दारिद्रय विनाशिनि ।
सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनि,
विमल विवेक बुद्धि दैय्या की .
. आरती श्री गैय्या मैंय्या की....

सेवक जो चाहे दुखदाई,
सम पय सुधा पियावति माई ।
शत्रु मित्र सबको दुखदायी,
स्नेह स्वभाव विश्‍व जैय्या की .
. आरती श्री गैय्या मैंय्या की....

आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की .

 

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