Indra Vajra Mobile App: बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी किया गया इंद्र वज्र मोबाइल एप सबके लिए बहुत फायदेमंद है. खासकर, ठनका (वज्रपात) का प्रभाव ग्रामीण इलाकों में ज्यादा होता है, जिससे वहां के लोगों को ज्यादा परेशानी होती है. यह एप इस समस्या से निपटने में मदद कर सकता है.
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Indra Vajra Mobile App: आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी किया गया इंद्र वज्र नामक मोबाइल ऐप ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. ठनका यानी वज्रपात जो खासकर ग्रामीण इलाकों में गंभीर समस्याएं पैदा करता है और जिससे लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में यह एप ठनका से बचने में मददगार साबित हो सकता है.
ठनका से बचाएगा इंद्र वज्र नामक एप
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार जब मौसम में बदलाव आता है और आकाश में बिजली कड़कती है, तो बाहर निकलना खतरनाक हो सकता है. बिहार में भी अक्सर बिजली गिरने की घटनाएं होती हैं, जिससे लोगों की जान और संपत्ति को नुकसान पहुंचता है. इस समस्या को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने इंद्र वज्र नामक एप को जारी किया है. इस एप का खास फायदा यह है कि यह 40 मिनट पहले ही ठनका का अलर्ट जारी करता है, जिससे लोगों को संभावित वज्रपात की सूचना मिल जाती है और वे सुरक्षित रह सकते हैं. साथ ही इंद्र वज्र एप खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बहुत उपयोगी है, जहां ठनका का प्रकोप ज्यादा होता है. इस एप के इस्तेमाल से प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
स्मार्टफोन में ऐसे करें इंस्टॉल
इसके अलावा बता दें कि इस एप को अपने स्मार्टफोन में इंस्टॉल करना बहुत आसान है. इसके लिए आपको सबसे पहले प्ले स्टोर में जाकर 'इंद्र वज्र' टाइप करना होगा और इंस्टॉल बटन पर क्लिक करना होगा. इंस्टॉल होने के बाद एप को खोलें और अपने मोबाइल नंबर को दर्ज करें. इसके बाद आप इस एप का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह एप ठनका से होने वाली घटनाओं को कम करने में मदद करेगा. पटना के मौसम वैज्ञानिक आशीष कुमार के अनुसार इस एप के जरिए ठनका से बचने में काफी मदद मिलेगी. हालांकि, ग्रामीण इलाकों में कई लोगों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं होते, जो इस ऐप के उपयोग को सीमित कर सकता है. बरसात के दौरान बहुत से लोग खेती और अन्य कामों के लिए बाहर निकलते हैं, जिससे वज्रपात का खतरा बढ़ जाता है. यह एप सभी लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है. एक किसान मिट्ठू यादव के अनुसार वर्तमान में कई किसानों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं हैं, जिससे इस एप का उपयोग सीमित हो सकता है.
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