योग से हर एक बीमारी का इलाज संभव है फिर चाहे वह बीमारी बाहरी हो या अंदरूनी, चाहे शारीरिक हो या मानसिक, योग के पास हर चीज का इलाज है. गर्व की बात है कि योग को दुनिया भर में चर्चित करने वाला देश भारत ही है.
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International Yoga Day 2021: आज विश्व योग दिवस है. हर साल पूरी दुनिया 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाती है. आज के तनाव भरे जीवन में योग एकमात्र ऐसी दवा बनकर उभरा है जिसका कोई साइड इफेक्ट यानी कोई नुकसान नहीं हैं. योग ही एकमात्र ऐसा साधन है जिससे हर एक बीमारी का इलाज संभव है फिर चाहे वह बीमारी बाहरी हो या अंदरूनी, चाहे शारीरिक हो या मानसिक, योग के पास हर चीज का इलाज है. गर्व की बात है कि योग को दुनिया भर में चर्चित करने वाला देश भारत ही है.
दरअसल, साल 2015 से विश्व योग दिवस की शुरूआत भारत से की गई थी. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने संयुक्त राष्ट्र को योग से 11 दिसंबर 2014 को अवगत कराया था. इसी समय विश्वभर में योग को पहचान दिलाने को लेकर भारत की तरफ से कवायद तेज कर दी गई थी. अंत में जाकर संयुक्त राष्ट्र (United Nation) के 193 देशों के सदस्यों ने योग दिवस मनाने को लेकर प्रस्ताव को मजूरी दे दी थी. तभी से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Day of Yoga) को लेकर योग साधको समेत तमाम लोगों में उत्साह रहता है.
हालांकि, इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) को लेकर एहतियात बरती जा रही हैं, पार्क और खुले मैदान में भी कार्यक्रम पर पाबंदी है. लिहाजा योग करने वाले अपने-अपने निजी स्थानों पर योगाभ्यास कर रहे हैं.
वहीं, कोरोना संक्रमण के समय में लॉकडाउन (Lockdown) की स्थिति और 'वर्क फ्रॉम होम' (Work from Home) के स्ट्रेस से हर कोई परेशान हैं. लोगों की दिनचर्या मानों पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गई है. बूढ़े, नौजवानों से लेकर बच्चों तक में चिड़चिड़ापन देखा जा रहा है. ऐसे में आज हम आपको 5 ऐसे योगासनों के बारे में जानकारी देंगे जिनके जरिए बूढ़ों से लेकर बच्चों तक हर कोई बेहद आसानी से तनाव को दूर कर मन को शांत कर सकता है.
ये आसन कुछ इस प्रकार हैं-
शवासन (Shavasana)
इस योगासन को आप रोज सोने से पहले कर सकते हैं.
शवासन के लाभ
यह आसन तनाव को दूर करता है. उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मनोविकार, दिल की बीमारी वगैरह में भी इस योगासन से लाभ होता है. इस योगासन से शरीर की थकान भी दूर होती है और मन को शांति मिलती है. शवासन करने से याददाश्त, एकाग्रशक्ति भी बढ़ती है.
अनुलोम-विलोम (Anulom Vilom Pranayama)
अनुलोम-विलोम के लाभ
अनुलोम-विलोम करने से फेफड़े शक्तिशाली होते है. इसे करने से सर्दी, जुकाम व दमा की शिकायतों से काफी हद तक बचाव होता है. हृदय बलवान होता है. ये गठिया के लिए भी फायदेमंद है. मांसपेशियों की प्रणाली में सुधार करता है. पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है. साथ ही तनाव और चिंता को कम करते हुए पूरे शरीर में शुद्ध ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाता है.
बालासन (Balasana)
बालासन के लाभ
बालासन करने के शरीर के अंदरूनी अंगों में लचीलापन आता है. कमर, कंधे, गर्दन, पीठ तथा जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों के दर्द में यह बहुत लाभकारी है. बालासन करने से दिमाग शांत होता है. इस आसन को करने से महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द तथा परेशानियों भी खत्म होती हैं.
बद्ध कोणासन (Baddha Konasana)
बद्ध कोणासन के लाभ
बद्ध कोणासन करने से किडनी, यूरीनरी ब्लैडर और प्रोस्टेट की समस्या नहीं होती. यह श्याटिका के दर्द को दूर करने में सहायक है. जो इस आसन का नियमित अभ्यास करते हैं उन्हें भविष्य में हर्निया की समस्या भी नहीं होती.
वक्रासन (Half Spinal Twist Pose)
वक्रासन के लाभ
इस आसन को करने से शरीर स्वस्थ और ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में मदद मिलती है. यह आसन तनाव से मुक्ति दिलाने में विशेषतौर पर लाभकारी है. वक्रासन के माध्यम से मस्तिष्क के अंदर ऐसे हार्मोन्स की मात्रा बढ़ती है, जो दिमाग को शांत और संतुलित रखने में मदद करते हैं.