Lata Mangeshkar Birth Anniversary: पहली नजर का प्यार कभी भुलाया नहीं जा सकता है. लता दीदी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था. कहा जाता है कि लता दीदी एक महाराजा को अपना दिल दे बैठी थी. लेकिन किस्मत को ये मंजूर नहीं था.
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पटनाः Lata Mangeshkar Birth Anniversary: भारतीय सिंगर्स की जब भी बात आती है तो एक नाम हमेशा याद रखा जाता है. वह नाम है लता मंगेशकर. भारत की स्वर कोकिला कही जाने वाली सिंगर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की आवाज का जादू आज भी उनके फैंस के सिर चढ़कर बोलता है. उनका हर एक गाना लोगों के दिलों में बस जाया करता था. सुरों की मल्लिका स्वर कोकिला लता का मुकाबला गायन के क्षेत्र में अभी तक कोई भी सिंगर नहीं कर पाया है. लता दीदी भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपने गीतों की वजह से वे हमेशा मौजूद रहेंगी. आज यानी 28 सितंबर को उनकी बर्थ एनिवर्सरी है. लता दीदी ने करीब 6 दशक तक फिल्मी और गैर फिल्मी गानों में 30 से अधिक भाषाओं में गीतों को आवाज दी है.
लता दीदी को भी हुआ था पहली नजर का प्यार
आज हम बात करेंगे लता मंगेशकर की लव स्टोरी के बारे में. क्या उन्हें भी किसी से प्यार हुआ था? अगर इश्क हुआ था तो फिर शादी क्यों नहीं हुई. जैसा कि कहा जाता है कि पहली नजर का इश्क कभी भुलाया नहीं जा सकता है. लता दीदी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था. कहा जाता है कि लता दीदी एक महाराजा को अपना दिल दे बैठी थी, जो उनके भाई का दोस्त भी था. लेकिन किस्मत को ये मंजूर नहीं था. हालांकि लता दीदी ने इस बारें में कभी खुद से जिक्र नहीं किया था. लेकिन उनसे जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि डूंगरपुर राजघराने के महाराजा राज सिंह से लता दीदी को प्यार हो गया था.
लता दीदी के भाई हृदयनाथ मंगेशकर और राज सिंह एक-दूसरे के अच्छे दोस्त थे. क्रिकेट ने दोनों को एक-दूसरे के करीब ला दिया था. उनकी मुलाकात उस समय हुई जब राज लॉ करने के लिए मुंबई आए. वक्त बीतता गया और उनकी दोस्ती गहरी होती गई. हालांकि तब तक लता दीदी का नाम भी चर्चित हस्तियों में गिना जाने लगा था. इसलिए मीडिया में भी लता दीदी और राज सिंह के रिश्तों को लेकर बातें उड़ने लगीं थी.
मरते दम तक दोनों ने नहीं की किसी से शादी
कहते हैं कि लता उन्हें प्यार से मिट्ठू कहकर बुलाती थी. दोनों एक-दूसरे से शादी का मन बना रहे थे, लेकिन जब राज सिंह के पिता महारावल लक्ष्मण सिंह जी को पता चला तो उन्होंने शादी होने से मना कर दिया. वजह ये थी कि लता दीदी एक शाही परिवार से नहीं थी और महारावल लक्ष्मण अपने बेटे राज सिंह की शादी एक आम लड़की से नहीं करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने अपने बेटे राज सिंह से वादा भी लिया था कि वो किसी आम लड़की को इस घर की बहू बना कर नहीं आएंगे और राज सिंह ने यह वादा मरते दम तक निभाया. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि लता दीदी की तरह राज सिंह भी जीवन भर अविवाहित रहे और लता दीदी भी जीवन भर कुंवारी रही. बता दें कि राज, लता से 6 साल बड़े भी थे.
बता दें कि 12 सितंबर 2009 को राज सिंह का देहांत हो गया था. उनके निधन के 13 साल बाद लता मंगेशकर ने अंतिम सांस ली थी.
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