Nawada: बिहार में काफी समय से अच्छी बारिश नहीं हो रही है. जिसके कारण किसानों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बिहार में मानसून की शुरुआत जून में ही हो गई थी. जिसके बाद लोगों को और किसानों को बेहतर बारिश की उम्मीद थी. हालांकि जून की शुरुआत में राज्य में अच्छी बारिश देखने को मिली थी. लेकिन उसके बाद मानसून वापस से कमजोर हो गया. जिसके कारण नवादा में सूखे के हालात बने हुए है. किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा. 


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सरकार द्वारा किसानों को दिया गया डीजल अनुदान
बिहार में इस बार सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है. नवादा में जरूरत अनुसार बारिश नहीं होने से किसानों की परेशानी दिन प्रतिदिन बढ़ रही है. इस मौसम में होने वाली धान की खेती बर्बाद होने की कगार पर है. वहीं, कुछ किसान पंपसेट के सहारे किसी तरह से धान की रोपनी कर रहे थे, वह भी अब सूखने लगे हैं. किसानों का कहना है कि शाम को खेत का पटवन करते हैं लेकिन वह सुबह तक सूख जाते हैं. ऐसे में इस बार धान की फसल उगाना बहुत मुश्किल हो रहा है. वहीं, किसान जिले को सुखाड़ घोषित करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि सरकार द्वारा किसानों को डीजल अनुदान भी दिया जा रहा है. 


80 हजार हेक्टेयर धान रोपने का था लक्ष्य
जिला कृषि पदाधिकारी संतोष कुमार सुमन ने बताया कि नवादा जिला संभावित सूखे की ओर बढ़ रहा है. जिले को 80 हजार हेक्टेयर धान रोपने का लक्ष्य दिया गया है. जिसमें से अभी तक 42% ही धान की रोपनी हो पाई है. हालांकि धान रोपनी प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रति किसान 8 लीटर डीजल का अनुदान दिया जा रहा है. इसके अलावा खाली पड़े खेत में आकस्मिक फसल लगाने की तैयारी की जा रही है. सरकार की ओर से नवादा के मौसम अनुसार आकस्मिक फसल की सूची मांगी गई है जिसे भेजा जा चुका है.


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