पटना: मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में 8 अहम एजेंडों पर मुहर लगाई गई. बैठक में नीतीश सरकार ने राज्य में फिर से बालू का रेट बढ़ाने का फैसला किया है. इसके साथ ही शिक्षकों के बकाया वेतन का भी भुगतान करने पर इस बैठक में सहमति बनी है. इसके साथ ही वर्ष 2023 के लिए राज्य के अवकाश कैलेंडर पर भी मुहर लगाई गई है. इसके अलावा बैठक में कई अन्‍य प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई गई है. बता दें कि बिहार में सत्‍ता परिवर्तन के बाद नीतीश कुमार के नए कैबिनेट की ओर से पहली बार बड़े फैसले लिए गए हैं. कैब‍िनेट बैठक में शिक्षकों की सैलरी और रेत की कीमत के साथ ही  बालू की बंदोबस्‍ती को लेकर भी बड़ा फैसला लिया गया है.


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2023 के अवकाश कैलेंडर को स्‍वीकृती
मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई में बिहार कैबिनेट की अहम बैठक हुई. बैठक में राज्य के शिक्षकों के बकाया वेतन के भुगतान करने के प्रस्‍ताव को स्‍वीकार कर लिया गया. इसके लिए कैबिनेट में 139.41 करोड़ रुपये के फंड को स्‍वीकृत किया है. यह राशि वित्‍त वर्ष 2022-23 के लिए स्‍वीकृत किया गया है. नीतीश कैब‍िनेट के इस फैसले के बाद से बिहार के 2,64,620 शिक्षकों को लाभ मिलेगा. बता दें कि राज्य में लंबे समय से शिक्षकों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. इसके साथ ही बैठक में वर्ष 2023 के अवकाश कैलेंडर को भी स्‍वीकृत दी गई है. कैबिनेट ने बिहार सरकार के कार्यालय और नेगोशिएबल इंस्‍ट्रूमेंट एक्‍ट की छुट्टी पर मुहर लगा दी है.



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बालू हुआ महंगा
बता दें कि बालू घाटों की नीलामी से  बिहार को अच्‍छा खास राजस्‍व आता है. नीतीश कैब‍िनेट ने इसका पूरा ख्‍याल रखा है. बिहार सरकार की कैबिनेट बैठक में बालू के प्रति घन मीटर रेट को दोगुना करने का फैसला किया गया है. राज्य में पहले बालू का दर 75 रुपये प्रति घन मीटर था, जिसे बढ़ाकर अब 150 रुपये कर दिया गया है.  नया रेट सोन, फल्‍गू, किऊल, चानन और मोरहर नदियों के घाटों पर लागू होगा. राज्य के बाकी नदियों के बालू के रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है.