नौकरी देने के सवाल पर बोले बिहार के शिक्षा मंत्री, वक्त लगेगा, लाखों को नौकरी देनी है
बीजेपी ने राजद पर रोजगार के मसले पर तीखा हमला बोला है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि, अब तो तेजस्वी यादव बड़ा जबकि नीतीश कुमार छोटा फीता काटते हैं.
पटनाः कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख नौकरी देने की बात करने वाले मौजूदा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के लिए अब करने का समय आ चुका है. जिस रोजगार के मुद्दे पर उन्होंने बीजेपी को जमकर कोसा था अब वही मुद्दा राजद सहित दूसरी सत्तारूढ़ पार्टी के लिए गले की हड्डी बन चुका है. बीजेपी ने जहां राजद पर रोजगार के मसले पर तीखा हमला बोला है, वहीं जदयू सरकार के साथ खड़ी है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि, अब तो तेजस्वी यादव बड़ा जबकि नीतीश कुमार छोटा फीता काटते हैं. लिहाजा नौकरी तो उनके हाथ में है. अब वक्त आ गया है कि, वो नौकरी दें.
बिहार में नौकरी के लिए लग सकते हैं कई महीने
दूसरी ओर जदयू की प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा है कि बिहार में अलग-अलग विभागों में भर्तियां निकल रही हैं, लिहाजा थोड़ा सब्र करने की जरूरत है. दरअसल, सोमवार को राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के नामांकन के लिए शिक्षा मंत्री डॉक्टर चंद्रशेखर पार्टी कार्यालय में मौजूद थे. इसी दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोल दिया. डॉक्टर चंद्रशेखर ने कहा है कि बिहार में लाखों लोगों को नौकरी देनी है लिहाजा इसमें महीनों लग सकता है. लेकिन जो 56 इंच की छाती वाले सालाना 2 करोड़ नौकरी देने की बात कह रहे थे क्या 8 साल में 16 करोड़ नौकरी मिली.
तीन साल से नहीं पूरा हुआ छठे फेज का नियोजन
खैर शिक्षा मंत्री ने समय सीमा नहीं बताई, लेकिन विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह का ट्वीट जरूर देखने के लायक है. 26 मई को ट्वीट करते हुए दीपक कुमार सिंह ने कहा था, प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के अगले चरण की नियुक्ति के लिए तैयारी हेतु पत्र जारी कर दिया गया है. प्रयास है कि जुलाई माह के अंतिम सप्ताह तक सारी तैयारी पूरी कर नियुक्ति का schedule निर्गत कर दिया जाए. अनुरोध है कि इसके लिए चल रहे धरना को समाप्त कर दिया जाए. 26 मई को दीपक कुमार सिंह का ट्वीट था और अभी सितंबर का महीना पूरा होने को है लेकिन छठे फेज का भी नियोजन पूरा नहीं हो सका है. छठे दौर का शिक्षक नियोजन साल 2019 में शुरू हुआ था, तीन साल पूरे हो चुके हैं लेकिन छठे फेज का ही नियोजन पूरा नहीं हो सका है. लिहाजा सवाल ये है कि, कब तक योग्य और युवा अभ्यर्थी सड़कों पर धरना और प्रदर्शन को मजूबर होंगे.