सीतामढ़ी में भी एक पशुपतिनाथ मंदिर, पुपरी में नागेश्वर धाम के नाम से है प्रसिद्ध, जानें क्या है मंदिर की विशेषता
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सीतामढ़ी में भी एक पशुपतिनाथ मंदिर, पुपरी में नागेश्वर धाम के नाम से है प्रसिद्ध, जानें क्या है मंदिर की विशेषता

सीतामढ़ी के पुपरी शहर में स्थित इस मंदिर को नागेश्वर नाथ मंदिर के नाम से भी लोग जानते है. धार्मिक न्यास बोर्ड के अधीन इस मंदिर के प्रति लोगो की बड़ी आस्था है.

सीतामढ़ी में भी एक पशुपतिनाथ मंदिर, पुपरी में नागेश्वर धाम के नाम से है प्रसिद्ध, जानें क्या है मंदिर की विशेषता

सीतामढ़ी: नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर के बारे में आपने जरूर सुना होगा जिसके दर्शन के लिए पूरे विश्व से लोग जाते है. आपको जान कर हैरानी होगी सीतामढ़ी में भी एक पशुपतिनाथ मंदिर है जिसका निर्माण तकरीबन 70 साल पहले किया गया था. मंदिर को पशुपति नाथ मंदिर का स्वरूप देने की कोशिश की गई है. इस मंदिर से महाशिवरात्रि के मौके पर निकलने वाली शिव विवाह यात्रा में पड़ोसी मुल्क नेपाल के लोग भी शामिल होते है. 

शिवरात्रि के मौके पर निकलती है विशाल शोभा यात्रा 
सीतामढ़ी के पुपरी शहर में स्थित इस मंदिर को नागेश्वर नाथ मंदिर के नाम से भी लोग जानते है. धार्मिक न्यास बोर्ड के अधीन इस मंदिर के प्रति लोगो की बड़ी आस्था है . कहा जाता है सच्चे मन से यहां कोई अपनी मुराद लेकर आता है तो भगवान उसकी मनोकामना जरूर पूर्ण करते है. शिवरात्रि के मौके पर यहां विशाल शोभा यात्रा निकली जाती है. जिसमे आस पास के तकरीबन 15 लाख से ज्यादा लोग शामिल होते है. भंडारा समेत पूजा अनुष्ठान की यहां व्यवस्था कराई जाती है. किसी जमाने में यह मंदिर भारत नेपाल मैत्री संबंध का बेहतर प्रतीक माना जाता था. मान्यता यह है की तकरीबन 70 साल पहले पुराने पीपल के पेड़ के नीचे से शिवलिंग का उद्भव हुआ था जिसके बाद श्रद्धालुओं के द्वारा यहां मंदिर स्थापित कर पूजा-अर्चना शुरू की गई. 

मंदिर में नेपाल से शामिल होते है श्रद्धालु
इस मंदिर की ख्याति नेपाल तक है. मिथिला के धार्मिक स्थलों का दर्शन करने वाले श्रद्धालु अगर इस मंदिर में पूजा अर्चना न करे तो उनकी पूजा अनुष्ठान अधूरा ही माना जाता है. पुपरी शहर के बीचों बीच स्थित इस मंदिर के आगे यानी पश्चिम दिशा में रामायण काल से जुड़े कई पौराणिक मंदिर स्थित है तो वही पूरब की दिशा में यानी सीतामढ़ी जिले से थोड़ी आगे की दूरी तय करने पर बासोपट्टी में कालिदास से ताल्लुक रखने वाले उचैत का प्रसिद्ध मंदिर है. यह मंदिर चारो तरह से धार्मिक स्थलों से घिरा है जिसकी वजह से इसकी महत्ता अधिक है ।

इनपुट - त्रिपुरारी शरण

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