मसौढ़ी : एक कहावत है पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं. ऐसे ही एक पूत हैं मसौढ़ी के चपोर गांव के रहने वाले अभिनव राज उर्फ बॉबी, जो मैथ गुरू के नाम से मशहूर हैं. इनकी उम्र भले ही आठ साल की हो, लेकिन इनकी काबिलियत बड़े बड़ों को टक्कर देती है. आप इनकी उम्र और कद पर मत जाईये बस इनका हुनर देखिए. जिसकी वजह से ये आज मसौढ़ी से लेकर पटना तक मशहूर हो गए हैं. कक्षा तीसरी में पढ़ने वाला अभिनव राज उर्फ बॉबी तीसरी कक्षा का छात्र है, लेकिन उसे गणित में महारथ हासिल है. अभिनव राज को गणित का हर सूत्र मुंह जुबानी याद है. उसकी यही खासियत उसे दूसरे बच्चों से अलग बनाती है.
जिस उम्र में बच्चों का मन खेलने, कूंदने, घूमने फिरने में लगता है उस उम्र में अभिनव राज अपने घर में ही 10वीं तक के बच्चों को गणित पढ़ाता है. अपने से बड़ी उम्र के बच्चों को जिस तरह से अभिनव पढाता है वो यकीनन काबिल-ए-तारीफ है. कठिन से कठिन सवालों का हल अभिनव चुटकियों में हल कर देता है. उसे गणित का हर सूत्र रटा हुआ है. दूसरे बच्चों को भी अभिनव बड़े ही सरल तरीके से गणित के सवालों को समझाता है. बच्चे भी उसके पढ़ाने के अंदाज से बेहद खुश होते हैं. यही वजह है कि उसके गांव से लेकर आस-पास के इलाकों में भी उसकी काबिलियत की चर्चा होती है और उसकी यही काबिलियत ने उसे छोटी सी उम्र में मैथ गुरू के नाम से मशहूर कर दिया.
अभिनव के पिता राजकुमार और माता चंद्रप्रभा कुमारी ने अपने घर में ही साल 2018 से एक प्राइवेट स्कूल खोल रखा है. जिसमें नर्सरी से लेकर 10वीं तक के बच्चों को पढ़ाया जाता है. गांव के ज्यादातर बच्चे इसी स्कूल में पढ़ाई करते हैं. स्कूल के साथ ही घर में ट्यूशन की भी व्यवस्था की गई है. जहां अभिनव सीनियर क्लास के बच्चों को गणित पढ़ाता है. अभिनव बताता है कि उसके उसके माता-पिता और दीदीयां पढ़ाती हैं.
अभिनव की चंद्रप्रभा कुमारी का कहना है कि उनका बेटा अभिनव बड़ा होकर वैज्ञानिक बनना चाहता है और देश की सेवा करना चाहता है. हालांकि उसके माता-पिता की हालत आरिथिक रूप से काफी कमजोर है. जिसकी वजह से वो चाहते हैं कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई मदद मिल सके. अब अगर सरकार की तरफ से अभिनव के परिवार को मदद मिलती है तो यकीनन अभिनव का वैज्ञानिक बन देश सेवा का सपना जरूर पूरा हो जाएगा.
इनपुट- प्रभंजन