2013 Patna Gandhi Maidan Serial Blasts: पटना में 27 अक्टूबर, साल 2013 को तत्कालीन प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की जनसभा हुंकार रैली में लगभग 3 लाख लोगों की भीड़ थी. इसी बीच सीरियल ब्लास्ट जैसी घटना को अंजाम दिया गया था. इस सीरियल ब्लास्ट में 8 से ज्यादा धमाके हुए थे. जिसमें छह लोगों की मौत हुई थी. वहीं, 80 से अधिक लोग ब्लास्ट में घायल हुए थे. घायलों में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल थे.


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पिछले दिनों अदालत के द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा को हाई कोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील किया गया है. इसके बाद धर्मा कुली की चर्चा एक बार फिर से होने लगी है. सीरियल बम ब्लास्ट में पटना जंक्शन के 10 नंबर प्लेटफार्म पर भी एक बम ब्लास्ट हुआ था और ब्लास्ट करने वाले एक आतंकी को पटना जंक्शन पर रहने वाले कुली धर्मनाथ यादव ने पकड़ा था. 


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धर्मा कुली अगर इम्तियाज को नहीं पकड़ते तो शायद गांधी मैदान ही नहीं बोधगया बम ब्लास्ट की घटना का पर्दाफाश नहीं होता. इस घटना में धर्मा कुली चश्मदीद गवाह बने थे. जिसके बाद धर्मा को लगातार जान से मारने की धमकी मिलती रही, इतना ही नहीं 2016 में उन पर हमला भी हुआ था.


कोर्ट के फैसले के बाद धर्मा कुली काफी आहत हैं, उन्होंने कहा कि हमने अपनी जान पर खेल कर उसे पकड़ा था. जांच एजेंसियों ने पैसा लेकर हमारी गवाही नहीं होने दी. जिसकी वजह से आतंकी फांसी की सजा टल गई है. 


उन्होंने कहा कि फांसी की सजा ठीक थी, लेकिन इस केस में जांच एजेंसी ने पैसा लिया था. हम इम्तियाज अंसारी को यहीं पर शौचालय में पकड़े थे, पकड़ने के बाद अरेस्टिंग में मैं था, लेकिन हमारी गवाही नहीं हुई. 20 बार हमने एप्लीकेशन लिखा लेकिन फिर भी नहीं हुआ. गवाही को रिजेक्ट कर एनआईए और विजिलेंस के ऊपर हाई कोर्ट में हमने केस किया है. जांच एजेंसी ने पैसा लिया तभी यह केस कमजोर हुआ है.


कोर्ट और जज साहब क्या करेंगे जब सही गवाह नहीं मिला. हमारी गवाही अभी तक नहीं हुई है. नेशनल जांच के नाम पर यह लोग पैसा लिया है. पाकिस्तान से मुझे धमकी मिला, 50 लाख का ऑफर भी मिला था, हमने नहीं लिया. 


धर्मा कुली का कहना है कि हमें सुरक्षा मिली है, जांच एजेंसी ने हमारे केस को कमजोर किया है. हम गवाही आज भी देने को तैयार है. एफिडेविट और शपथ पत्र हमने कोर्ट में दिया है कि गवाही नहीं बदलेगा. अब सवाल यह उठता है कि गवाही बदल जाएगा. 50 लाख के ऑफर को हमने ठुकरा दिया है, बदल कैसे जाएंगे. 


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इम्तियाज अंसारी को मैंने इसी शौचालय से पकड़ा था और उसी की वजह से सारे आतंकी पकड़े गए थे. हमने GM और डीआरएम को कई बार एप्लीकेशन लिखा आवास के लिए, नौकरी के लिए भी गुहार लगाई या दुकान दिया जाए, लेकिन मेरे एप्लीकेशन को रिजेक्ट किया जा रहा है. रेल मंत्री के पास फिर से लेटर गया है, लेकिन अभी तक नहीं मिला है. हमारे साथ दो-दो बार घटना हुई. जिस दिन हमारा अपहरण होती है या फिर गोली लगती है. इसका जिम्मेदार डीआरएम और GM होंगे. 


इनपुट - सनी कुमार 


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