Benefits of Satyanashi Plant: आप सभी ने सड़क किनारे और पार्क में कांटेदार पत्तियों और पीले फूल वाले पौधे को देखा होगा. बहुत से लोगों को इस पौधे का नाम नहीं पता होता. यह पौधा वास्तव में बहुत ही चमत्कारी होता है. इन 6 पॉइंट में जानें इस पौधे के फायदे.
देश के अधिकांश हिस्सों में अगर किसी को "सत्यानाशी" कहा जाता है, तो वह व्यक्ति है जो काम खराब करता है. यानी जो हर काम में गड़बड़ी करता है और किसी का भला नहीं करता. लेकिन एक पौधा भी है, जो कहीं भी उग जाता है. उसका नाम "सत्यानाशी पौधा" है. यह पौधा सख्त जगहों पर जैसे कि जमीन में पथरीली जगहों पर या सूरज की रोशनी नहीं पहुंचने वाली जगहों पर भी उग सकता है.
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. वीके मोंगा के मुताबिक लोग आमतौर पर इस पौधे के पीले फूल को देखकर खींचे चले आते है. यदि आपसे पूछा जाए कि सत्यानाशी पौधे का कोई फायदा है तो आप नकारात्मक जवाब देंगे. ज्यादातर लोग इस पौधे के सेहत के लिए फायदों को जानते ही नहीं हैं. यह पौधा पहले जंगल में पाया जाता था, अब हर जगह आम तौर सड़क किनारे, पार्क में या खाली पड़ी जमीनों में देखा होगा.
सत्यानाशी पौधे में कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं. यह पौधा अधिकतर हिमालय क्षेत्रों में पाया जाता है. इसमें बहुत सारे कांटे होते हैं. इसके पत्ते, शाखाएं, तने और फूलों के आसपास कांटे होते हैं. इसके पीले रंग के फूल खिलते हैं, जिनमें बैंगनी रंग के बीज होते हैं. आमतौर पर पौधे के फूल और फल तोड़ने पर सफेद रंग का दूध निकलता है, लेकिन सत्यानाशी के पौधे से फूल तोड़ने पर पीले रंग का दूध निकलता है. इसे स्वर्णक्षीरी भी कहा जाता है.
सत्यानाशी पौधे को उजर कांटा, प्रिकली पॉपी, कटुपर्णी, मैक्सिन पॉपी जैसे कई नामों से भी जाना जाता है. बहुत से किसान इसे बेकार समझकर फेंक देते हैं, लेकिन आयुर्वेद में इसे औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है. इससे बनी दवाइयों से कई रोगों का इलाज किया जाता है. सत्यानाशी पौधे के हर अंश जैसे कि पत्ते, फूल, तना, जड़ और छाल, आयुर्वेद में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं.
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. वीके मोंगा के मुताबिक अगर सत्यानाशी के पौधे की जड़ को पानी में उबालकर काढ़े की तरह पिया जाए तो सांस लेने में परेशानी या खांसी की शिकायत वाले लोगों को फायदा हो सकता है. इसके अलावा बता दें कि अगर किसी के पेट में दर्द हो वो सत्यानाशी के पीले फूल में घी मिलाकर पी ले तो उसे काफी राहत मिलेगी. साथ ही पीलिया के रोगियों को सत्यानाशी के तेल में गिलोय का जूस मिलाकर पिलाने से भी फायदा हो सकता है.
सत्यानाशी एक ऐसा पौधा है जिसे आप घर के अंदर गमले में भी लगा सकते है. अगर आपको कैक्टस के पौधे घर में लगाने का शौक है तो सत्यानाशी का पौधा भी बहुत खूबसूरत लगता है. इसका पीला फूल सभी को आकर्षित करता है. पौधे लगाने के बाद दिन में दो से तीन बार पानी डालना चाहिए.
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