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पटना : बिहार में नीतीश सरकार के मंत्रीमंडल का विस्तार होना तय है. 14 जनवरी के बाद बिहार सरकार में काफी बड़ा परिवर्तन देख को मिल सकता है. मकरसक्रांति के बाद बिहार सरकार की तरफ से मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की गुंजाइश तेज हो गई है. राजनीति के जानकारों की मानें तो बिहार में होनेवाले इस फेरबदल में उपेंद्र कुशवाहा को डिप्टी सीएम का पद मिल सकता है.
वहीं इसके साथ ही राजद के टिकट पर मोकामा से उपचुनाव जीतकर आईं अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को भी मंत्री बनाए जाने की भी संभावना है.वहीं राजद विधायक कार्तिकेय को भी मंत्री बनाए जाने की भी बात चल रही है. इसके साथ ही चर्चा में मदन मोहन झा और अजीत शर्मा का नाम भी है. मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच चर्चा हो चुकी है.
नीतीश कुमार की तरफ से उपेंद्र कुशवाहा को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के पीछे का गणित यह है कि वह सियासी संतुलन बनाए रखना चाहते हैं, तेजस्वी के पास पहले से कई महत्वपूर्ण विभाग हैं. ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा को उपमुख्यमंत्री बनाकर जहां एक और सियासी संतुलन बनाने की कोशिश की जाएगी. वहीं दूसरी तरफ बिहार में भाजपा के पक्ष में गए कुशवाहा वोट को अपने पाले में डालने के लिए भी यह काम किया जाएगा.
कांग्रेस लगातार नीतीश कुमार से इस बात की मांग करती रही है कि संख्या बल के आधार पर उनके मंत्रियों की संख्या ज्यादा होनी चाहिए, बिहार सरकार में अभी कांग्रेस के 2 मंत्री हैं जबकि विधायकों की संख्या के आधार पर उनके मंत्रियों की संख्या 4 होनी चाहिए ऐसे में कांग्रेस के कोटे से 2 मंत्रियों का बनना भी तय माना जा रहा है. वहीं हम की तरफ से जीतनराम मांझी के द्वारा एक और मंत्रीपद के मांग पर भी मुहर लग सकती है. बिहार में कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. जिसमें से अभी 31 मंत्री अभी मंत्रीमंडल में हैं ऐसे में 5 और मंत्री बनाए जाने की संभावना है. बिहार सरकार में RJD कोटे से 16 मंत्री हैं जिसमें से 2 मंत्रियों का इस्तीफा हो चुका है साथ ही कई मंत्रियों के पास एक से ज्यादा विभाग हैं ऐसे में मंत्रीमंडल के विसातर में इसपर भी विचार होगा.
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