पटना: Bihar News: बिहार तकनीकी सेवा आयोग कार्यालय के बाहर बुधवार को पारा मेडिकल छात्र संघ के बैनर तले पारा मेडिकल छात्रों ने घंटों प्रदर्शन किया. उनकी मांग थी कि एक साल पहले निकाली गई वैकेंसी के आलोक में अविलंब बहाली प्रक्रिया को पूरा किया जाए, अन्यथा अक्टूबर महीने के बाद 6000 से अधिक पारा मेडिकल छात्र गर्दनीबाग धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन उग्र धरना प्रदर्शन करेंगे. छात्र संघ के नेताओं का कहना था कि यह ​लड़ाई निर्णायक होगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


ईसीजी टेक्निशियन, एक्स-रे टेक्निशियन और ओटी असिस्टेंट के अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में असिस्टेंट की कमी की वजह से मरीज को परेशानी हो रही है, लेकिन सरकार वैकेंसी निकालने के एक साल बाद भी भर्ती नहीं कर रही है. एक साल से अधिक समय बीतने के बाद भी इस भर्ती को पूरा नहीं किया गया है.


पारा मेडिकल छात्र संघ के अध्यक्ष भारत भूषण ने कहा कि बिहार सरकार ने 1 साल पहले सरकारी अस्पतालों में पारा मेडिकल स्टाफ की कमी को देखते हुए ओटी असिस्टेंट के लिए 1096 पद, xray टेक्नीशियन के लिए 803 पद और ईसीजी टेक्नीशियन 163 पद के लिए 2022 में भर्ती निकाली थी, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी आजतक उक्त पदो के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है.


उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार देने की बात कर रही है लेकिन धरातल पर दिख नहीं रहा है. 1 साल से पारा मेडिकल छात्रों का भी भविष्य अधर में लटका हुआ है और मरीजों के जीवन के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है. पारा मेडिकल स्टाफ की कमी की वजह से अस्पतालों में चाहे ऑपरेशन का मामला हो चाहे एक्स-रे जांच करवाना हो या ईसीजी करवाना हो, लंबी भीड़ लगी हुई है और कहीं मेडिकल कॉलेज में वेटिंग 300 से अधिक चली गई है.


इनपुट- निषेद


ये भी पढ़ें- झारखंड सूखा राहत योजना में साइबर अपराधियों एंट्री, किसानों से की ठगी