Saraswati Puja 2024: मैट्रिक की परीक्षा के वजह से सरस्वती पूजा को लेकर छात्रों में उत्साह कम, मूर्तिकार परेशान
Saraswati Puja 2024: विद्या की धरती मां सरस्वती की पूजा 14 फरवरी को है, परंतु 13 फरवरी से मैट्रिक की परीक्षा होने से इस पूजा को लेकर छात्रों का उत्साह कम है. हालांकि मूर्तिकार अपनी मूर्तियों को फाइनल टच देने में जुटे हुए हैं, परंतु परीक्षा के माहौल को देखते हुए इस बार मूर्तियों की संख्या को कम कर मूर्तिकार मूर्ति निर्माण कर रहे हैं.
छपराः Saraswati Puja 2024: विद्या की धरती मां सरस्वती की पूजा 14 फरवरी को है, परंतु 13 फरवरी से मैट्रिक की परीक्षा होने से इस पूजा को लेकर छात्रों का उत्साह कम है. हालांकि मूर्तिकार अपनी मूर्तियों को फाइनल टच देने में जुटे हुए हैं, परंतु परीक्षा के माहौल को देखते हुए इस बार मूर्तियों की संख्या को कम कर मूर्तिकार मूर्ति निर्माण कर रहे हैं.
बिहार के सारण जिला के कई बाजारों में बंगाल के कारीगर के साथ स्थानीय कलाकार थे. अपी मूर्ति कला के अनुरूप मां शारदे की मूर्तियां बना रहे हैं. बढ़ती महंगाई के बावजूद श्रद्धालुओं के द्वारा मूर्ति के पैसे कम देने से यह मूर्तिकार परेशान है.
मूर्तिकारों का कहना है कि पहले मिट्टी के पैसे नहीं लगते थे, परंतु अब 1500 रुपये प्रति ट्रेलर उनकी मिट्टी भी खरीदनी पड़ती है. सुतली और पुवाल और सजावट के कपड़े गहने के दाम भी बढ़े हुए हैं. इसके बावजूद मूर्ति के खरीददार कम कीमत देते है. मूर्तिकार कहते हैं कि काम नहीं होने से मूर्तियों का यह सीजन मूर्तिकारों के लिए उनके समृद्धि के प्रमुख साधन है. जिसे लेकर वह अपने पारंपरिक पेशे को जिंदा रखे हैं.
इसुआपुर बाजार में कई दशकों से पारंपरिक रूप से लहलादपुर प्रखंड के मुकेश कुमार प्रजापति के पूर्वज मूर्ति निर्माण कर रहे थे. जिस परंपरा को मुकेश आगे बढ़ा रहे हैं. परंतु इस बार कम मूर्ति का निर्माण करने से मुकेश खुद भी मायूस है और इसका कारण मैट्रिक का परीक्षा बता रहे हैं. मुकेश ने कहा कि 13 फरवरी से मैट्रिक की परीक्षा शुरू है. जिस कारण 14 फरवरी को पूजा के बजाय छात्र परीक्षा में व्यस्त रहेंगे. जिस कारण पूजा में छात्रों का उत्साह कम दिख रहा है.
इनपुट- राकेश कुमार, छपरा
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