इस जन्माष्टमी पर कीजिए श्रीराधा बांके बिहारी इस्कॉन मंदिर के दर्शन, ये हैं खासियतें
Advertisement

इस जन्माष्टमी पर कीजिए श्रीराधा बांके बिहारी इस्कॉन मंदिर के दर्शन, ये हैं खासियतें

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर अगर आप पटना में हैं और जन्माष्टमी के दिन राधा-कृष्ण के परम दर्शन चाहते हैं तो यहां का इस्कॉन मंदिर एक अच्छा विकल्प है. पटना स्थित श्रीराधा बांके बिहारी इस्कॉन मंदिर की अपनी अलग खासियतें हैं.

(फाइल फोटो)

पटना : जन्माष्टमी को लेकर देशभर में तैयारियों का दौर जारी है. भगवान की झांकियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है तो वहीं जन्मोत्सव मनाने के लिए श्रीकृष्ण मंदिरों में भी सजावट लगभग पूरी हो चुकी है. श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा की तो बात निराली है ही, लेकिन सभी लोग इस मौके पर वहां नहीं पहुंच सकते हैं. ऐसे में अगर आप पटना में हैं और जन्माष्टमी के दिन राधा-कृष्ण के परम दर्शन चाहते हैं तो यहां का इस्कॉन मंदिर एक अच्छा विकल्प है. पटना स्थित श्रीराधा बांके बिहारी इस्कॉन मंदिर की अपनी अलग खासियतें हैं, जानिए यहां-

100 करोड़ की लागत से हुआ निर्माण
दो एकड़ क्षेत्र में बना हुआ 108 फीट ऊंचा बिहार का इस्कॉन मंदिर राजधानी पटना के बुद्धमार्ग पर स्थित है. 2021 में अक्षय तृतीया के मौके पर मूर्ति स्थापना के बाद यहां प्राण प्रतिष्ठा की गई थी. मंदिर के गर्भगृह में एक साथ पांच हजार लोग बांके-बिहारी सहित अन्य देवी-देवताओं के दर्शन-पूजन कर सकते हैं. इस्कॉन मंदिर मथुरा और गुजरात के बाद देश का तीसरा मंदिर है, जिसमें 84 खंभा तकनीक का प्रयोग किया गया है. 100 करोड़ रुपये की लागत से बने इस मंदिर के निर्माण में 10 साल का लंबा समय लगा है. 2007 में भूमिपूजन होने के बाद 2010 में निर्माण शुरू हुआ था.

भगवान की लीलाएं भी हैं प्रदर्शित
श्री राधा बांके बिहारी जी मंदिर को आधा अंडर ग्राउंड बनाया गया है. मंदिर में एक भक्ति कला क्षेत्र है. यहां पहले तल पर प्रसादम हॉल है, जिसमें एक हजार से ज्यादा लोग एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं. 108 फीट ऊंचे मंदिर में 84 खंभे हैं जिसकी लंबाई और चौड़ाई भी 84 फीट है. दूसरे तल पर मंदिर है जिसमें तीन दरबार बनाए गए हैं-राम दरबार, कृष्ण दरबार और चैतन्य महाप्रभु का दरबार. भगवान की सभी लीलाएं जो बिहार में संपन्न हुई हैं, उसे अत्याधुनिक उपकरणों के साथ प्रदर्शित किया जाता है.

गरीबों के लिए 'फूड फॉर लाइफ'
मंदिर परिसर में ही गोविंदा रेस्टोरेंट बनाया गया है जिसमें 56 प्रकार के शुद्ध शाकाहारी व्यंजन बनते हैं. बाहर से आए लोगों के ठहरने के लिए 70 कमरों का अतिथि गृह, परिसर में 300 गाड़ियों के पार्किंग की व्यवस्था की गई है.
मंदिर में लाइब्रेरी भी है जिसमें वेदव्यास जी के ग्रंथ रखे हैं. इन ग्रंथों को लोग यहां बैठकर मुफ्त में पढ़ सकते हैं. कोई गरीब भूखा न सोये इसके लिए मंदिर प्रबंधन की तरफ से 'फूड फॉर लाइफ' अभियान चलाया है. बिहारशरीफ में गोशाला के लिए 70 एकड़ जमीन भी है .जहां भविष्य में गुरुकुल और नैचरोपैथी लैब बनेगी.

यह भी पढ़े : कृष्ण जन्मोत्सव पर ऐसे बनाए घर के आंगन में रंगोली, सब करेंगे वाह-वाह

 

Trending news