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पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ग्रामीण गरीबों को मकान देने की केंद्र सरकार की योजनाएँ लागू करने में लगातार विफल रही. नये लक्ष्य निर्धारित करने की मांग केवल विफलता पर पर्दा डालने के लिए की जा रही है.
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमएवाइ-जी) के तहत मार्च 2024 तक देश भर में 2.95करोड़ मकान बनने थे. इसमें बिहार को 37 लाख मकान बनाने का लक्ष्य दिया गया था. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने गरीबों के मकान बनवाने के लिए नौ साल में अब तक बिहार को 31,275 करोड़ रुपये दिये. इस मद की कोई राशि लम्बित नहीं है, लेकिन राज्य में गरीबों का मकान बनाने का काम लक्ष्य से दूर है.
· प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य पूरा करने में बिहार सरकार विफल
पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ग्रामीण गरीबों को मकान देने की केंद्र सरकार की योजनाएँ लागू करने में लगातार विफल रही। नये लक्ष्य निर्धारित करने की मांग केवल…
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) August 20, 2023
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार के नोडल खाते में अब भी 3492.56 करोड़ राशि शेष पड़ी है, जबकि योजना के 1.06लाख मकानों का निर्माण पूरा नहीं हुआ. इनमें से 60,550 मकान तो पिछले 18 महीनों से अधूरे पड़े हैं. उन्होंने कहा कि इस साल की पहली छमाही में बिहार सरकार प्रतिदिन केवल 4108 मकान बनवा पायी. बाद में यह दर घट कर 1530 आवास प्रतिदिन रह गई.
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गरीबों के लिए मकान बनाने में तेजी लाने और समय पर लक्ष्य पूरा करने पर ध्यान देने के बजाय राज्य सरकार नया लक्ष्य तय करने की मांग कर रही है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार इंदिरा आवास योजना को भी लागू करने में विफल रही. राज्य में 3,23,830 ( 3.23 लाख) इंदिरा आवास अधूरे रह गए. राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पीएमएवाइ-जी एक समय-बद्ध योजना है, इसलिए इसका लक्ष्य किसी राज्य की विफलता के चलते नहीं बढ़ाया जा सकता.
उन्होंने कहा कि पीएमएवाइ-जी के तहत बिहार में मकान बनाने लक्ष्य राज्य सरकार 30 अप्रैल 2023 तक पूरा नहीं कर पायी, इसलिए लक्ष्य को छोटा करना पड़ा. राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि सरकार की कार्यसंस्कृति अच्छी होती, तो गरीबों के लिए 1 लाख 66 हजार से अधिक आवास का लक्ष्य वापस न लेना पड़ता.