बारिश के दिनों में इन लक्षणों को भूलकर भी न करें इग्नोर, डॉक्टर से जानें डेंगू से बचाव के तरीके
Bihar News: डॉक्टर पाल ने बचाव के लिए कुछ सुझाव दिए हैं. सबसे पहले, किसी भी वस्तु या जगह पर पानी जमा न होने दें. गमलों, टायरों, खुले बर्तनों और अन्य जगहों पर जमा पानी को नियमित रूप से साफ करें.
जमशेदपुर: जमशेदपुर में बारिश के आगमन के साथ ही मौसम में बदलाव आया है. इस वजह से किसान और प्रकृति प्रेमी खुश हैं, लेकिन स्वास्थ्य के नजरिए से यह स्थिति चिंताजनक हो सकती है. लगातार बारिश से घरों और आसपास के क्षेत्रों में पानी जमा हो जाता है, जिससे डेंगू का खतरा बढ़ जाता है. डेंगू बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए खासतौर पर खतरनाक हो सकता है.
जानकारी के लिए बता दें कि सिविल सर्जन डॉक्टर साहिर पाल जिनका 25 साल का अनुभव है. इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि डेंगू मच्छर जिसे एडीज एजिप्टी कहते हैं, साफ पानी में पनपता है. यह मच्छर दिन के समय अधिक सक्रिय होता है और लोगों को संक्रमित करता है. डेंगू बुखार गंभीर हो सकता है. इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकान और त्वचा पर लाल चकत्ते शामिल हैं. डॉक्टर पाल ने बचाव के लिए कुछ सुझाव दिए हैं. सबसे पहले, किसी भी वस्तु या जगह पर पानी जमा न होने दें. गमलों, टायरों, खुले बर्तनों और अन्य जगहों पर जमा पानी को नियमित रूप से साफ करें. घरों के आसपास की नालियों को साफ रखें और कूलरों को समय-समय पर सुखाएं. जिन कंटेनरों में पानी रखना जरूरी हो, उन्हें ढककर रखें ताकि मच्छर उनमें अंडे न दे सकें.
इसके अलावा डॉक्टर पाल ने सलाह दी है कि लोगों को पूर्ण आस्तीन के कपड़े पहनने चाहिए और मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए. मच्छर भगाने वाले स्प्रे और क्रीम का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. सामुदायिक स्तर पर जागरूकता फैलाने और नियमित सफाई अभियानों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि डेंगू के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके. स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है. बारिश के मौसम में डेंगू का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें. अपने घर और आसपास के इलाके को मच्छर मुक्त रखें और समय-समय पर पानी जमा न होने दें. अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए इन उपायों को अपनाएं और दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करें.
ये भी पढ़िए- Bihar Flood: बाढ़ को लेकर सतर्क हुआ बिहार, नदियों की खास तकनीक से की जा रही निगरानी