वैशाली में गंगा नदी किनारे मिला डॉल्फिन का शव, पर्यावरणविदों की बढ़ी चिंता
Advertisement

वैशाली में गंगा नदी किनारे मिला डॉल्फिन का शव, पर्यावरणविदों की बढ़ी चिंता

सूक्ष्मदर्शियों का कहना है कि  गंगा किनारे सैर के लिए आए थे. सैर के दौरान गंगा किनारे डॉल्फिन पर नजर पड़ी. जब पास जाकर देखा तो डॉलफिन मृत पड़ी हुई थी. फौरन इसकी सूचना पुलिस के साथ वन विभाग को दी.

वैशाली में गंगा नदी किनारे मिला डॉल्फिन का शव, पर्यावरणविदों की बढ़ी चिंता

वैशाली : वैशाली के गंगा नदी किनारे चार फीट के जुबेनाइनल डॉल्फिन का शव मिलने से वन विभाग की चिंता बढ़ गई है. डॉल्फिन का शव मिलने से वन विभाग के साथ आम लोगों की भी चिंता बढ़ गई है. गंगा किनारे सैर करने आ रहे लोगों ने डॉल्फिन की जानकारी पुलिस को दी, जानकारी पाकर पुलिस मौके पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इधर, वन विभाग की टीम डॉल्फिन की मौत के कारणों का पता लगाने में जुट गई है.

गंगा किनारे पड़ा हुआ था डॉल्फिन का शव
सूक्ष्मदर्शियों का कहना है कि  गंगा किनारे सैर के लिए आए थे. सैर के दौरान गंगा किनारे डॉल्फिन पर नजर पड़ी. जब पास जाकर देखा तो डॉलफिन मृत पड़ी हुई थी. फौरन इसकी सूचना पुलिस के साथ वन विभाग को दी. सूचना पाकर वन विभाग की टीम मौके पहुंची. वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि डॉल्फिन लगभग चार फीट लंबा है. साथ ही शरीर को वो बहुत ही तंदुरुस्त दिख रही है. उसके शरीर पर किसी भी प्रकार का कोई निशान नहीं है. फिलहाल डॉलफइन के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है, अब पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा.

शॉक के वजह से हुई है डॉल्फिन की मौत
डीएफओ वैशाली अमिता राज का कहना है कि डॉल्फिन को देखने पर प्रतित होता है कि वो बिल्कुल स्वस्थ है. उसके शरीर पर भी किसी प्रकार के निशान नहीं थे. साथ ही उन्होंने कहा कि एक अनुमान ऐसा भी लगाया जा रहा है कि कई बार अन्य मछलियों के संपर्क में आने से डॉल्फिन को शॉक हो जाता है जिससे डॉल्फिन की मृत्यु हो सकती है. अभी फिलहाल डॉल्फिन का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. अब तो उसके पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में ही स्पष्ट हो पाएगा कि उसकी मौत कैसे हुई है.

डॉल्फिन के संरक्षण को लेकर बिहार सरकार गंभीर
बता दें कि धीरे-धीरे डॉल्फिन का लुप्तप्राय हो रहा है. इनके संरक्षण के लिए बिहार सरकार भी गंभीर हो गई है. बता दें कि डॉल्फिन भारत का राष्ट्रीय जलीय जंतु है. ये दुनिया की चार मीठे पानी की डॉल्फिन प्रजातियों में से एक है. गंगा की डॉल्फिन मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप, खासकर गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना और कर्णफुली-सांगू नदियों में पाई जाती है. इनके बारे में बता दें तो यह सिर्फ कम से कम पांच फीट और आठ फीट से गहरा पानी पसंद करती है.

ये भी पढ़िए-  Caste Based Census: बिहार से सीखे केंद्र सरकार, जातीय जनगणना पर ऐसा क्यों बोले तेजस्वी

Trending news