Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर या पूर्व दिशा को सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना गया है. इसे धन के देवता कुबेर की दिशा भी माना जाता है. इसलिए, इस दिशा में शीशा लगाने से घर में धन का प्रवाह बढ़ता है.
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Vastu Tips: घर में रखी हर वस्तु में सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा होती है. घर में सकारात्मक परिणाम पाने के लिए जरूरी है कि चीजें सही जगह पर हों. इससे घर में शांति बनी रहती है और खुशियों का वास होता है.
आचार्य मदन मोहन के अनुसार घर या ऑफिस में वास्तु के नियमों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार शीशा घर में किस दिशा में होना चाहिए, यह खास ध्यान देने की बात है. घर में शीशा लगाते समय उत्तर या पूर्व दिशा को चुनना सही होता है. ये दिशाएं सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र मानी जाती हैं और इन्हें धन के देवता कुबेर की दिशा भी माना जाता है. इसलिए उत्तर या पूर्व दिशा में शीशा लगाने से धन के प्रवाह में वृद्धि होती है.
साथ ही शीशा उत्तर या पूर्व दिशा में इस प्रकार लगाना चाहिए कि देखने वाले का चेहरा उत्तर या पूर्व की ओर हो. गलत जगह पर लगे शीशे से घर में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए शीशा लगाने से पहले वास्तु के नियमों का पालन करना आवश्यक है.
शीशा लगाते समय ध्यान देने योग्य बातें
शीशे का प्रकार: अगर आप उत्तर या पूर्व दिशा में शीशा लगा रहे हैं, तो गोल शीशा लगाना शुभ होता है.
शीशा कहां न लगाएं: शीशा बिस्तर के सामने नहीं होना चाहिए. सुबह उठते ही शीशा देखना शुभ नहीं माना जाता है. शीशा पश्चिम या दक्षिण दिशा की दीवार पर भी न लगाएं, क्योंकि इससे घर में अशांति बनी रहती है. किचन या रसोई के ठीक सामने शीशा न लगाएं, क्योंकि इससे परिवार के सदस्यों की सेहत पर असर पड़ सकता है.
शीशे की स्थिति: शीशा हमेशा साफ होना चाहिए और टूटा हुआ नहीं होना चाहिए. गंदे या टूटे हुए शीशे से परिवार की तरक्की प्रभावित हो सकती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. कृपया किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.