Rakshabandhan Special: इस साल 19 अगस्त को भाई-बहन का प्रसिद्ध त्योहार रक्षाबंधन देश-विदेश में मनाया जाएगा. भाई-बहन के रिश्ते को अटूट बनाए रखने वाले त्योहार रक्षाबंधन का हिंदू लोगों के जीवन में बहुत महत्व है. रक्षाबंधन हिंदू लोगों के लिए सबसे अहम त्योहारों में से एक है.
राज्य बिहार में एक से बढ़कर एक पर्यटन स्थल है, जहां इस रक्षाबंधन आप अपनी बहनों को घुमाने के लिए ले जा सकते हैं. जिन लोगों को बारिश के मौसम में झरना देखना काफी पसंद होता है. वो रक्षाबंधन के दिन अपनी बहनों के साथ नवादा चले जाएं. नवादा में आपको खूबसूरत वादियों के साथ एक से बढ़कर एक झरने और तालाब देखने को मिलेंगे. इस जगह 150 फीट के ऊंचाई से पानी गिरते हैं. जो कि देखने में काफी खूबसूरत लगते हैं. आप यहां जाकर अपनी बहनों के साथ खूब एंजॉय कर सकेंगे. साथ ही एक से बढ़कर एक यादगार लम्हों को फोटो में कैद कर सकेंगे.
अगर आपकी बहनों को तीर्थ स्थलों पर जाना पसंद है तो आप बोधगया भी जा सकते हैं. बोधगया बिहार का एक प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थल है. जहां कई मंदिरों के साथ बहुत से घूमने की जगहें हैं. लोग यहां पर जाकर असीम शांति की अनुभूति करते हैं. अगर आप रक्षाबंधन के दिन कहीं घूमने का प्लान बना रहे है, तो बौद्ध गया आपके लिए एक अच्छा विकल्प हैं.
जिन लोगों को ऐतिहासिक धरोहर और प्राचीन मकबरों को देखना पसंद होता है. वो अपनी बहनों के साथ इस रक्षाबंधन सासाराम जा सकते हैं. यहां आपको शेरशाह सूरी टॉम्ब देखने को मिल जाएगा. ये टॉम्ब पानी के बीचों बीच बना है. जो कि देखने में काफी खूबसूरत है. बिहार के पर्यटन स्थलों में सासाराम का ये जगह काफी प्रसिद्ध है. रक्षाबंधन के अवसर पर बहनों के साथ यहां घूमने जाना काफी अच्छा रहेगा.
बिहार का जिला मधुबनी और दरभंगा भी घूमने के लिहाज से काफी अच्छा विकल्प है. यहां पर आपको मिथिलांचल संस्कृति देखने को मिलेगा. बिहार के इस मिथिलांचल क्षेत्र में आपको किला, मंदिर समेत कई धार्मिक स्थल मिलेंगे. ये जगह अपनी संस्कृति, सभ्यता और स्वादिष्ठ भोजनों के लिए काफी प्रसिद्ध है.
रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन वैशाली घूमने का भी प्लान बना सकते हैं. यहां आपको किला के साथ कई और घुमने का जगह मिल जाएगा. वैशाली में ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. इसलिए ये जगह एक महान बौद्ध तीर्थ स्थल है. कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने इस जगह का दौरा तीन बार किया था. साथ ही आखिरी बार इसी जगह पर गौतम बुद्ध ने अपना आखिरी प्रवचन भा दिया था. बौद्ध धर्म के लोगों के लिए ये जगह काफी मायने रखता है.