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Bhadrapada Ekadashi 2024: कब है भाद्रपद की पहली एकादशी? जानें यहां प्रारंभ तिथि और दो शुभ योग के बारे में...

Aja Ekadashi 2024: सनातन धर्म में भाद्रपद की पहली एकादशी व्रत को रखने का विशेष महत्व है. श्रद्धालु बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ इस दिन के एकादशी व्रत को रखते हैं. भादो के माह में रखे जाने वाले एकादशी व्रत को ही भाद्रपद एकादशी कहा जाता है. इसे अजा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. 

हिंदू कैलेंडर

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हिंदू कैलेंडर

हिंदू कैलेंडर के हिसाब से अभी भादो का महीना चल रहा है. भादो के महीने को ही भाद्रपद भी कहा जाता है. इस साल 20 अगस्त से 18 सितंबर तक भाद्रपद रहेगा. भाद्रपद की पहली एकादशी 29 अगस्त को है. 

सनातन धर्म

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सनातन धर्म

सनातन धर्म में इस एकादशी का विशेष महत्व है. अभी भाद्रपद माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है. वैदिक पंचायत के अनुसार भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष तिथि को भाद्रपद की पहली एकादशी रखी जाएगी.

 

शुभ तिथि

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शुभ तिथि

भादो मास में आने वाले भाद्रपद की पहली एकादशी को अजा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. भाद्रपद की पहली एकादशी के तिथि का आरंभ 29 अगस्त को 1 बजकर 19 मिनट ए एम में होगा. वहीं, इस एकादशी का समापन अगले दिन यानि 30 अगस्त को 1 बजकर 37 मिनट ए एम में होगा. 

 

श्रद्धालु

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श्रद्धालु

श्रद्धालु 29 अगस्त के दिन ही भाद्रपद की पहली एकादशी का व्रत रखेंगे. मान्यता है कि अजा एकादशी के व्रत को रखने वाले श्रद्धालु के जीवन से आर्थिक तंगी जैसी समस्या का समाधान होता है. उन्हें पैसों की तंगी नहीं झेलनी पड़ती है. 

 

सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र

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सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र

कहा जाता है कि इस व्रत को सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र ने भी रखा था. इस साल इस एकादशी के दिन दो बेहद ही शुभ योग बन रहे हैं. पहला सिद्धि योग और दूसरा सर्वार्थ सिद्धि योग. 

 

शुभ योग

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शुभ योग

भाद्रपद एकादशी व्रत के दिन सिद्धि योग सुबह के 6 बजे से शाम के 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. वहीं, दूसरा शुभ योग जो कि सर्वार्थ सिद्धि योग है, वो 29 अगस्त को शाम 4 बजकर 39 मिनट से लेकर अगले दिन 30 अगस्त को सुबह 5 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. भाद्रपद की पहली एकादशी के दिन इन दोनों शुभ योग में पूजा करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होने की संभावना होती है. 

 

भगवान विष्णु

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भगवान विष्णु

भाद्रपद की पहली एकादशी के दिन व्रत रखते हुए विष्णु भगवान की पूजा करना बेहद शुभ होता है. ऐसे में श्रद्धालु सूर्योदय होने के बाद सुबह 5 बजकर 58 मिनट तक विष्णु भगवान की पूजा कर सकते हैं. इस शुभ मुहूर्त में विष्णु भगवान की पूजा करना काफी शुभ और है.