Advertisement
trendingPhotos/india/bihar-jharkhand/bihar2374681
photoDetails0hindi

Janmashtami 2024: कब है श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार? इस शुभ मुहूर्त में करें बाल गोपाल की विधि-विधान के साथ पूजा

Krishna Janmashtami 2024: हिंदू लोगों के लिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. लोग बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ इस दिन बाल गोपाल के लिए व्रत रखते हैं. उन्हें शुभ मुहूर्त में विधि-विधान के साथ पूजते हैं. उनकी आरती उतारते हैं. उनका पसंदीदा भोग माखन, मिश्री और लड्डू उन्हें अर्पित करते हैं. 

 

Janmashtami Fasting

1/6
Janmashtami Fasting

मान्यता है कि जो सोग जन्माष्टमी के दिन व्रत रखते हुए आराध्य प्रभु कृष्ण की पूजा करते है. उनके मन की सभी इच्छाएं बाल गोपाल पूरा करते है. उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. 

 

Hindu Almanac

2/6
Hindu Almanac

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत रविवार 25 अगस्त को शाम 6 बजकर 9 मिनट से होगी. वहीं, अगले दिन सोमवार 26 अगस्त शाम 4 बजकर 49 मिनट पर इसका समापन होगा. 

 

Astrologers

3/6
Astrologers

ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल जन्माष्टमी पर चंद्रमा, वृषभ राशि में होंगे, जिसके कारण जयंती योग बन रहा है. इस योग में पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. 26 अगस्त को जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त रात 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. इस दौरान श्री कृष्ण की पूजा करना काफी शुभ और मंगलकारी रहेगा.  

 

Rohini Nakshatra

4/6
Rohini Nakshatra

जन्माष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत 26 अगस्त को सुबह 6 बजकर 25 मिनट से होगी. वहीं, अगले दिन  27 अगस्त को सुबह 6 बजकर 8 मिनट पर इसका समापन होगा. श्रद्धालु 27 अगस्त को सुबह 6 बजकर 36 मिनट पर अपना व्रत खत्म कर पारण कर सकते हैं.

 

Mythology

5/6
Mythology

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग जन्माष्टमी का व्रत रखते है. उन्हें 100 जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है. मृत्यु पश्चात उन्हें बैकुंठ धाम में सुख भोगने को मिलता है. उनका पूर्ण: जन्म उत्तम योनि में होता है, साथ ही अपने नए जन्म में उनके अंदर श्री कृष्ण के प्रति भक्ति भाव होती है.

 

Krishna Janmashtami

6/6
Krishna Janmashtami

कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे बहुत लोग जन्माष्टमी और गोकुलाष्टमी के रूप में भी जानते है. ये विष्णु के दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म के आनन्दोत्सव के लिये मनाया जाता है. पूरे देश में इस त्योहार को धूमधाम के साथ मनाया जाता है.