बिहार में 'चुनावी जंग' के लिए दलों ने बदले 'हथियार'
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बिहार में 'चुनावी जंग' के लिए दलों ने बदले 'हथियार'

 विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल चुनावी मैदान में उतरने के लिए अपने 'साजो सामान' को दुरुस्त करने में जुट गए हैं. कोरोनाकाल में होने वाले चुनाव को लेकर पार्टियां जंग के लिए अपने 'हथियार' बदल रही हैं.

 

 भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपनी बढ़त बनाए हुए है.

पटना: बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल चुनावी मैदान में उतरने के लिए अपने 'साजो सामान' को दुरुस्त करने में जुट गए हैं. कोरोनाकाल में होने वाले चुनाव को लेकर पार्टियां जंग के लिए अपने 'हथियार' बदल रही हैं.

पार्टियों के नेता वर्चुअल रूप से मतदाताओं तक पहुंचकर उन्हें अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं. इस मामले में हालांकि अभी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपनी बढ़त बनाए हुए है. बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और देश के गृहमंत्री अमित शाह ने देश में पहली वर्चुअल रैली की शुरुआत बिहार से कर यहां चुनाव प्रचार का आगाज कर चुके हैं. बीजेपी वर्चुअल रैलियों के मामले में अभी सभी दलों से बढ़त बनाए हुए है.

पार्टी सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में वर्चुअल जनसंवाद का कार्यक्रम कर रही है, जिसमें 50 से अधिक जनसंवाद कार्यक्रम हो चुके हैं. तय कार्यक्रम के अनुसार, राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के नेता जनसंवाद कर रहे हैं. इसके लिए कई नेता तो अपने घर तक में मंच बना चुके हैं.

बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद कहते हैं, कोरोना काल में लोगों तक पहुंच बनाने के लिए इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी प्रारंभ से ही लोगों के बीच रहती रही है. इस कोरोना काल में भी बीजेपी लोगों के बीच पहुंच रही है.

उन्होंने बताया कि बीजेपी भविष्य में भी वर्चुअल रैली करेगी और लोगों तक अपनी बातें पहुंचाएगी. उन्होंने वर्चुअल रैली का विरोध करने वाले नेताओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि तेजस्वी यादव वर्चुअल रैली का विरोध कर रहे हैं, तो क्या वे बिहार में कोरोना विस्फोट कराना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि तेजस्वी दिनभर ट्वीट करते हैं, ऐसे में वर्चुअल रैली का विरोध क्यों?

बीजेपी के इस बयान के बाद इतना स्पष्ट है कि बीजेपी कोरोनाकाल में होने वाले इस चुनाव को लेकर पूरी तरह तैयार है. इधर, जदयू भी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की वर्चुअल सभा कराने की तैयारी में है. इससे पहले भी मुख्यमंत्री जदयू कार्यकर्ताओं से वर्चुअल संवाद कर चुके हैं. नीतीश की होने वाली वर्चुअल सभा को लेकर जदयू ने तैयारी शुरू कर दी है.

जदयू नेताओं का दावा है कि राज्य स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक व्हॉटसअप ग्रुप तैयार कर लिया गया है. इधर, लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान भी कार्यकर्ताओं से वर्चुअल संवाद कर चुके हैं और लोगों से वर्चुअल रूप से मिल रहे हैं. इस क्रम में लोजपा भी अपनी तैयारी बूथ स्तर तक पुहंचाने में जुटी है.

वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडया प्लेटफॉर्म ट्विटर को अपना सबसे बड़ा 'हथियार' बनाया है. आम तौर पर राजद और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा वर्चुअल रैली या संवाद का विरोध कर रहा है. इन दोनों पार्टियों का कहना है कि वर्चुअल रैलियों पर काफी खर्च आता है और इससे पूंजीवाद को बढ़ावा मिलता है.

वैसे, कुछ बुजुर्ग नेताओं का कहना है कि वर्चुअल रैली की भीड़ के बारे में नेताओं को पता नहीं चलता है. रैली की भीड़ और भाषण पर जनता के उत्साह से नेताओं को चुनावी नतीजों के बारे में आकलन करने में सुविधा होती है. अगर उत्साह कम दिखता है तो अगले चरण में सुधार का प्रयास किया जाता है. अनुभवी नेता भीड़ देखकर ही पार्टी की संभावनाओं का आकलन कर लेते हैं.