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पटना: Bihar Politics: पटना में रविवार 10 दिसंबर को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक होने जा रही है. जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे, उनकी उपस्थिति में पूर्वोत्तर भारत के चार राज्य पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड और बिहार के मुख्यमंत्री सदस्य के रूप में शामिल होंगे. अगर किसी राज्य के मुख्यमंत्री की उपस्थित नहीं हुई तो उनके प्रतिनिधि शामिल होंगे. उम्मीद की जा रही है कि बिहार सहित चार राज्यों के विकास को लेकर बड़ा निर्णय हो सकता है. इसको लेकर बिहार की सियासत भी तेज है, अलग अलग राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया सामने आई हैं.
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इसको लेकर कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास ने कहा कि कोई भी यदि केंद्रीय नेता आते हैं तो बिहार में बस वह एक चुनावी एजेंडा तय करके चले जाते हैं. उनको लगता है बिहार में 40 लोकसभा सीट है और यहां से हम कैसे जीत कर केंद्र में सरकार बनाएं. लेकिन, जब आप आते हैं इस तरह की बैठकें होती हैं विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ सबसे बड़ी बात है कि उसे राज्य की समस्या क्या है. उसका विकास कैसे हो. उस पर उनका ध्यान दिलाने की आवश्यकता है, बहुत दिनों से मांग उठ रही है बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए.
वहीं इस कार्यक्रम को लेकर बीजेपी प्रवक्ता कुंतल कृष्णन ने कहा कि अपने मन से जानिए पराए मन का हाल, जेडीयू कांग्रेस और राजद जिस गठबंधन में है. घमंडिया ठगबंधन उनके दिल में यह बात है कि हमसे तो बिहार का कुछ होने वाला है नहीं. सच्चाई यही है कि इन लोगों के सरकार में रहने से बिहार को सिर्फ और सिर्फ बदनामी और लालटेन युग और जंगल राज ही मिलने वाला है. इसीलिए ऐसी बात कर रहे हैं. जब-जब भारत सरकार ने बिहार के तरफ रुख किया है बिहार के विकास की ही बात की है. चाहे प्रधानमंत्री हो या गृह मंत्री, क्षेत्रीय परिषद की बैठक पटना में आयोजित करने का मतलब ही यही है की बिहार के विकास पर विशेष ध्यान है.
शिवम