विपक्षी दलों की बैठक से पहले बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने तय कर दिया फाॅर्मूला
बिहार में बीजेपी ने एनडीए के सहयोगियों के लिए इंटरनल कोटा तय कर दिया है. बीजेपी एनडीए के साथी दलों को 10 सीटें देने वाली है. एलजेपी के दोनों गुटों को मिलाकर 6 सीटें दी जाएंगी. चिराग पासवान गुट को 3 और इतनी ही सीटें पशुपति नाथ पारस गुट को दी जाएंगी.
Bihar Politics : बिहार की राजधानी पटना में जहां विपक्षी दलों की 23 जून को बड़ी बैठक होने जा रही है, वहीं बीजेपी ने भी अपनी तैयारी पुख्ता करनी शुरू कर दी है. बुधवार को बिहार बीजेपी के कोर ग्रुप की दिल्ली में केंद्रीय नेताओं के साथ हुई बैठक में तय किया गया कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा विपक्षी दलों की बैठक के ठीक बाद बिहार का दौरा करेंगे. जेपी नड्डा झंझारपुर जाएंगे तो अमित शाह मुंगेर में बड़ा कार्यक्रम करेंगे. इसके अलावा, बिहार में बीजेपी ने एनडीए के साथियों के लिए सीटों का फाॅर्मूला भी सेट कर दिया है. माना जा रहा है कि बीजेपी बिहार में 30 सीटों पर खुद चुनाव लड़ेगी और बाकी 10 सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ने वाली है. हालांकि एक या दो सीटों के लिए गुंजाइश भी रखी गई है.
बिहार में बीजेपी ने एनडीए के सहयोगियों के लिए इंटरनल कोटा तय कर दिया है. बीजेपी एनडीए के साथी दलों को 10 सीटें देने वाली है. एलजेपी के दोनों गुटों को मिलाकर 6 सीटें दी जाएंगी. चिराग पासवान गुट को 3 और इतनी ही सीटें पशुपति नाथ पारस गुट को दी जाएंगी. उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक जनता दल को भी 3 सीटें ही दी जाएंगी. जीतनराम मांझी अगर एनडीए का हिस्सा बनते हैं तो उन्हें एक सीट दी जाएगी. वहीं बीजेपी अकेले 30 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरेगी. भारतीय जनता पार्टी ने इसी फाॅर्मूले के आधार पर सहयोगियों के साथ बातचीत का मन बनाया है.
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दिलचस्प बात यह है कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा महागठबंधन में खुद के लिए 5 सीटें मांग रही थी, उसके लिए बीजेपी ने केवल एक सीट देने का मन बनाया है. देखना यह होगा कि जीतनराम मांझी 1 सीट पर राजी होते हैं या नहीं. यह भी चर्चा है कि जीतनराम मांझी को भाजपा ने राज्यपाल बनाने का वादा किया है.
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चिराग पासवान को लेकर भी कहा जा रहा है कि वे शायद ही 3 सीटों पर राजी हो पाएं. हालांकि अभी उनकी पार्टी उन्हें छोड़कर कोई सांसद नहीं है और 5 सांसद पशुपति कुमार पारस गुट में शामिल हो गए थे. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी के 6 सांसद जीते थे. इनमें चिराग पासवान भी शामिल थे, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों बाद ही लोजपा में बड़ा विभाजन हो गया और पशुपति कुमार पारस 5 सांसदों के साथ अलग हो गए थे.
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भाजपा ने पुशपति कुमार पारस को केंद्र में मंत्री भी बना दिया था. भाजपा ने तय किया है कि चूंकि 2019 में लोजपा ने 6 सीटें जीती थीं, इसलिए दोनों गुटों को मिलाकर 6 सीटें उन्हें दी जाएंगी. देखना यह होगा कि पशुपति कुमार पारस, जिनकी पार्टी के अभी 5 सांसद हैं, वे 3 सीटों से कैसे काम चलाते हैं.
इनपुट : विकास चौधरी