'महोदय! मुझे भी सस्पेंड कर देते, बाहर में मेरी किरकिरी हो रही है', स्पीकर से बोले बीजेपी विधायक
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'महोदय! मुझे भी सस्पेंड कर देते, बाहर में मेरी किरकिरी हो रही है', स्पीकर से बोले बीजेपी विधायक

BJP MLA Neelkanth Singh Munda: बीजेपी के 18 विधायकों को स्पीकर ने निलंबित किया है. लेकिन निलंबित विधायकों में नीलकंठ सिंह मुंडा का नाम नहीं है. बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने स्पीकर रबिन्द्रनाथ महतो कहा मुझे भी सस्पेंड कर देते.

'महोदय! मुझे भी सस्पेंड कर देते, बाहर में मेरी किरकिरी हो रही है', स्पीकर से बोले बीजेपी विधायक

'महोदय! मुझे भी सस्पेंड कर देते, बाहर में मेरी किरकिरी हो रही है...' यह बातें बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने स्पीकर रबिन्द्रनाथ महतो से कही. उन्होंने कहा कि मेरा क्या दोष था, जो मुझे नहीं निकाला गया. दरअसल, बीजेपी के 18 विधायकों को स्पीकर ने निलंबित किया है. लेकिन निलंबित विधायकों में नीलकंठ सिंह मुंडा का नाम नहीं है. नीलकंठ सिंह मुंडा ने स्पीकर से कहा कि मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मुझे जात से निकाल दिया गया है. मुझपर संदेह किया जा रहा है. आप पर भी बाहर में संदेह किया जा रहा है. मुझे भी सस्पेंड कर दीजिए. निलंबन पर हो पुनर्विचार.

सदन की कार्यवाही दूसरी बार शुरू होते ही सुदेश महतो ने स्पीकर रबिन्द्रनाथ महतो से निलंबन पर पुनर्विचार का आग्रह किया. इसके पहले आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रदर्शन कर रहे बीजेपी के 18 विधायकों को स्पीकर ने निलंबित कर दिया है. विधायक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सदन में बयान की मांग कर रहे थे।सुदेश महतो ने कहा कि निलंबन के फैसले पर पहुंचने से पहले इस मामले को कार्य मंत्रणा की बैठक में ले जाना चाहिए था. ऐसे मामलों में बीच का रास्ता निकालने के लिए ही कार्य मंत्रणा की भूमिका होती है.

सीबीए एक्ट में नहीं हो संशोधन, प्रस्ताव पारित
केंद्र द्वारा प्रस्तावित कोल बेयरिंग एरिया एक्ट (CBA) एक्ट में संशोधन के विरुद्ध झारखण्ड विधानसभा ने प्रस्ताव पारित किया. इस प्रस्ताव को केंद्र के पास भेजा जाएगा. इस दौरान वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन झारखंड सरकार की जल, जंगल और जमीन को बचाने का जो संकल्प है, वो उसके विरुद्ध है.

केंद्र सरकार कोयला क्षेत्र (CBA) अधिनियम, 1957 के तहत भूमि अधिग्रहण करने और फिर वाणिज्यिक खनन के लिए आवंटित कोयला ब्लॉकों के विकास में तेजी लाने के लिए इसे निजी कंपनीयों को पट्टे पर देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. इसी प्रस्ताव के विरोध में झारखंड विधानसभा ने एक प्रस्ताव पास किया है.

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