Jharkhand Politics: झारखंड में सत्ता के गलियारे में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच हेमंत सोरेन तीसरी बार सीएम पद की शपथ लेने को तैयार हैं. शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार को संभावित है. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सीएम बने हेमंत सोरेन ने 31 जनवरी को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल जाने के पहले 'स्टॉप गैप अरेंजमेंट' के तहत चंपई सोरेन को अपनी कुर्सी सौंपी थी.
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Jharkhand: झारखंड में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है. हेमंत सोरेन तीसरी बार सीएम पद की शपथ लेंगे. इससे पहले चंपई सोरेन ने राज्य के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. चंपई ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को 3 जुलाई दिन बुधवार को सौंप दिया. चंपई सोरेन के इस्तीफा देने से पहले हेमंत सोरेन के कांके रोड स्थित आवास पर गठबंधन के विधायकों की बैठक हुई. इस बैठक में हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के सीएम बनाने का प्रस्ताव रखा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस पर चंपई सोरेन सहमत नहीं हुए. इसको लेकर काफी बहस हुई.
कल्पना के नाम पर चंपई सोरेन सहमत नहीं हुए
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हेमंत सोरेन चाहते थे कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री बनें. हालांकि, कल्पना के नाम पर चंपई सोरेन सहमत नहीं हुए. चंपई सोरेन ने मीटिंग में हेमंत सोरेन से कहा कि आप फिर से मुख्यमंत्री बनें, इस पर कोई एतराज नहीं होगा. सूत्र बताते हैं कि हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन का मान रखने के लिए उन्हें सरकार में समन्वय समिति का संयोजक और झामुमो (JMM) का कार्यकारी अध्यक्ष जैसा कोई पद देने का भरोसा दिलाया. मगर, चंपई सोरेन कल्पना के नाम पर नहीं सहमत नहीं हुए. तब जाकर हेमंत सोरेन को फिर से विधायक दल का नेता चुना गया.
मीटिंग में सीएम चंपई सोरेन ने खुद पद छोड़ने की बात कही
इस दौरान कांग्रेस-झामुमो के कई प्रमुख नेता मौजूद रहे थे. मीटिंग में सीएम चंपई सोरेन ने खुद पद छोड़ने और हेमंत सोरेन को नेता चुने जाने का प्रस्ताव रखा. इसके बाद इस पर तमाम विधायकों ने सहमति जाहिर की. यह भी तय हुआ कि अगले 3 से 4 महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव में गठबंधन की अगुवाई हेमंत सोरेन ही करेंगे.
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जेल से आने 6 दिन भीतर मांग ली कुर्सी
बता दें कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सीएम बने हेमंत सोरेन ने 31 जनवरी, 2024 को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल जाने के पहले चंपई सोरेन को अपनी कुर्सी सौंपी थी. अब बेल पर जेल से बाहर आने के 6 दिनों के अंदर ही हेमंत सोरेन चंपई सोरेन से कुर्सी वापस मांग ली.
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