Bihar Politics: कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार की सभी 40 लोकसभा क्षेत्रों के लिए रविवार (07 जनवरी) को संयोजकों की घोषणा कर दी है. पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संयोजकों के नामों की सूची जारी की है.
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Bihar Politics: लोकसभा चुनाव में अब महज कुछ ही महीनों का समय बचा है, लेकिन विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में अभी तक सीट शेयरिंग को लेकर कोई फार्मूला नहीं निकल पाया है. सीटों का उलझा गणित सुलझाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार (07 जनवरी) को जो बैठक बुलाई थी, उसमें भी बात बनने की जगह बिगड़ती नजर आ रही है. सूत्रों के अनुसार, बिहार में नीतीश कुमार और लालू यादव ने जो फार्मूला तैयार किया है, कांग्रेस ने उसे ठुकरा दिया है. बात बनती नहीं देखकर कांग्रेस ने प्लान-बी पर काम शुरू कर दिया है.
कांग्रेस पार्टी ने अब बिहार की सभी 40 सीटों के लिए रणनीति तैयार की है और उसपर अमल करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार की सभी 40 लोकसभा क्षेत्रों के लिए रविवार (07 जनवरी) को संयोजकों की घोषणा कर दी है. पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संयोजकों के नामों की सूची जारी की है. इसमें सभी क्षेत्रों व जातियों को प्रतिनिधित्व देने का भरसक प्रयास हुआ है. हालांकि, इसमें महिलाओं का प्रतिनिधित्व ना के बराबर देखने को मिला है. इनमें मात्र तीन महिलाओं को शामिल किया गया है.
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उधर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी लालू-नीतीश को चेतावनी दी है. उन्होंने साफ कहा कि अगर कांग्रेस को सम्मानजनक सीटें नहीं दी गईं तो उसका असर महागठबंधन सरकार के भविष्य पर भी पड़ेगा. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष के बयान से साफ है कि अगर राजद-जदयू ने कांग्रेस को इग्नोर करने की गलती की, तो कांग्रेस महागठबंधन सरकार से अलग हो सकती है. ऐसे में बिहार की महागठबंधन सरकार संकट में पड़ जाएगी. उधर दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी भी नाराज बताए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री की नाराजगी से खलबली मची हुई है.
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कहा जा रहा है कि मकर संक्रांति का 'चूड़ा- दही’ खाने के बाद बिहार में सियासत नया करवट ले सकती है. राजनीति के जानकारों का कहना है कि बिहार की राजनीति तीज-त्योहारों के इर्द-गिर्द ही चलती दिखाई देती है. इफ्तार की दावत के बाद नीतीश कुमार ने लालू यादव से दोस्ती कर ली थी और अब मकर संक्रांति तक कुछ भी कहा नहीं जा सकता. नीतीश कुमार के पुराने साथी और बिहार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी इसी तरह का दावा किया है. उन्होंने दावा किया है कि खरमास के बाद बिहार की सत्ता में परिवर्तन देखने को मिलेगा. मांझी के बयान से सियासी पारा गरमाया हुआ है.