Jharkhand Assembly: झारखंड विधानसभा में मानसून सत्र के तीसरे दिन सरकार और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा देखने को मिला. इस दौरान दोनों पर के विधायक एक दूसरे आमने-सामने आ गए थे. सदन शुरू हुआ तो बीजेपी के विधायकों की नारेबाजी जारी रही. वहीं, सत्ता पक्ष ने हेमंत की गिरफ्तारी पर बीजेपी से माफी मांगने को कहा.
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Jharkhand Assembly Monsoon Session: झारखंड विधानसभा में मानसून सत्र के तीसरे दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक अपने-अपने मुद्दों को लेकर आमने-सामने आ गए. भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने बांग्लादेशी घुसपैठ, सहायक पुलिसकर्मियों पर पिछले दिनों हुए लाठीचार्ज, सरकारी पदों पर नियुक्ति में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण के नियमों के उल्लंघन जैसे मुद्दों को लेकर वेल में आकर जोरदार नारेबाजी की, तो दूसरी तरफ सत्तारूढ़ कांग्रेस और झामुमो के विधायकों ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और उन्हें पांच महीनों तक जेल में रखे जाने का आरोप लगाते हुए बीजेपी से माफी की मांग की.
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सूचना के माध्यम से कांग्रेस विधायक दल के उपनेता प्रदीप यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्णय बता रहा है कि ईडी ने मनगढ़ंत केस किया. इस कृत्य से झारखंड का महत्वपूर्ण समय नष्ट हुआ है.
उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी और इनके सांसद निशिकांत दुबे ने पहले ही कहा था कि पूरा परिवार जेल जाएगा. साजिश के तहत इन लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल भेजा. अब जब सब स्पष्ट हो गया है, तो बीजेपी के लोग कान पकड़कर माफ़ी मांगें. अपने-अपने मुद्दों को लेकर पक्ष-विपक्ष के सदस्य सदन में पहुंच गए तो स्पीकर ने पहले दिन 12.30 तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
दूसरी बार सदन शुरू हुआ तो बीजेपी के विधायकों की नारेबाजी जारी रही. हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल और शून्य काल में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विभिन्न समस्याओं से जुड़े सवाल उठाए. स्पीकर ने सूचनाएं रखने के लिए बीजेपी के कई विधायकों के नाम पुकारे, लेकिन वे नारेबाजी करते रहे. आधे घंटे के बाद स्पीकर ने दूसरी बार सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के पहले बीजेपी विधायकों ने सदन के बाहर विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया.
इस दौरान उन्होंने सहायक पुलिसकर्मी और होमगार्ड की सेवा के स्थायीकरण, आंगनबाड़ी सहायिका एवं रसोईया संघ की मांगों पर कार्रवाई न होने, 5 लाख नौकरी देने के वादे से मुकरने जैसे मुद्दों को लेकर तख्तियां लहराईं और हेमंत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. धरना देने वालों में भानु प्रताप शाही, अमर कुमार बाउरी, बिरंची नारायण, अपर्णा सेन गुप्ता, पुष्पा देवी, समरी लाल, कुशवाहा शशिभूषण मेहता, अनंत कुमार ओझा समेत कई विधायक शामिल रहे.
इनपुट: आईएएनएस