Jharkhand Politics: कांग्रेस पार्टी के जो विधायक दिल्ली पहुंचे हैं उनमें अनूप सिंह, दीपिका पांडे, अंबा प्रसाद, राजेश कश्यप, नमन विक्सल कोंगाडी, उमा शंकर अकेला, इरफान अंसारी और सोना राम सिंकू शामिल हैं.
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Jharkhand Politics: झारखंड की चंपई सोरेन सरकार ने भले ही फ्लोर टेस्ट की अग्निपरीक्षा पास कर ली हो, लेकिन प्रदेश में बीजेपी का 'ऑपरेशन लोटस' अभी भी जारी है. बजट सत्र से पहले सियासी पारा एक बार फिर से चढ़ गया है. कांग्रेस के 12 विधायकों की नाराजगी से चंपई सरकार एक बार फिर से फंसती हुई नजर आ रही है. चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस के 8 विधायक अब दिल्ली पहुंच चुके हैं. नाराज विधायकों की मांग है कि कांग्रेस कोटे से मंत्री बनने वाले चारो विधायकों को सरकार से बाहर किया जाए और नए लोगों को मौका मिले.
कांग्रेस पार्टी के जो विधायक दिल्ली पहुंचे हैं उनमें अनूप सिंह, दीपिका पांडे, अंबा प्रसाद, राजेश कश्यप, नमन विक्सल कोंगाडी, उमा शंकर अकेला, इरफान अंसारी और सोना राम सिंकू शामिल हैं. कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने कहा कि हम दिल्ली पहुंच गए हैं, बाकी विधायक रविवार (18 फरवरी) को दिल्ली पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस नेतृत्व से चर्चा करेंगे. हम पार्टी के कोटे से बनाए गए चारों मंत्रियों को बदलना चाहते हैं.
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कांग्रेस विधायकों की क्या मांगे है?
उन्होंने कहा कि हमारी जो मांग पहले थी, वह अभी भी है. हम सब शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपनी मांगें भूल गए हैं. हम केवल अपनी पार्टी को अपनी चिंताओं से अवगत कराने का प्रयास कर रहे हैं. नाराज विधायकों की मांग है कि एक व्यक्ति, एक पद के फार्मूले तहत जिम्मेदारी दी जाए और प्रमंडल वार चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिले. नाराज विधायकों की मांग है कि मंत्री आलमगीर सहित तीनों मंत्रियों को जल्द हटाया जाए और सत्र के बाद चारों मंत्रियों का शपथ होना चाहिए. इसके साथ ही पांचवां मंत्री कांग्रेस से होने की मांग की जा रही है.
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क्या BJP का 'ऑपरेशन लोटस' जारी है?
झारखंड में विधानसभा सदस्यों की संख्या 81 है और इसमें सत्ताधारी गठबंधन के पास 47 विधायकों का समर्थन हासिल है. इन 47 विधायकों में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 29, कांग्रेस के 17 और एक विधायक राजद का है. फ्लोर टेस्ट के दौरान विपक्ष को भले ही 29 वोट मिले हों, लेकिन विपक्ष में 26 विधायकों के साथ बीजेपी दूसरी बड़ी पार्टी है. आजसू के तीन, एनसीपी (अजित पवार गुट) के एक और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी बीजेपी के साथ है. कांग्रेस के 12 विधायकों के साथ जेएमएम विधायक बैद्यनाथ राम भी नाराज बताए जा रहे हैं. अगर कांग्रेस विधायकों ने पाला बदल लिया तो सरकार फिर से अल्पमत में आ जाएगी.