JMM MLA Sita Soren Resign: झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा को मंगलवार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब शिबू सोरेन की बहू और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से त्यागपत्र दे दिया.
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Sita Soren Quits JMM: झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा को मंगलवार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब शिबू सोरेन की बहू और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से त्यागपत्र दे दिया. सीता सोरेन झारखंड की जामा से विधायक हैं.
माना जा रहा है कि झारखंड में पिछले दिनों सत्ता परिवर्तन के बाद से सीता सोरेन नाराज चल रही थीं. हेमंत सोरेन के जेल जाने की सूरत में पहले कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही जा रही थी. सीता सोरेन की नाराजगी के बाद ही कल्पना सोरेन का नाम पीछे हो गया और उसके बाद दोनों खेमों के पसंदीदा चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति बन गई थी. चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली और बहुमत भी साबित कर दिया, लेकिन अब जिस तरह से सीता सोरेन का इस्तीफा हुआ है, उससे लगता है कि कही न कही चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने से वे नाराज चल रही थीं और खुद के नाम पर विचार न किए जाने से वे आहत थीं.
सीता सोरेन ने शिबू सोरेन को भेजी चिट्ठी
सीता सोरेन ने पार्टी के अध्यक्ष शिबू सोरेन को चिट्ठी में लिखा कि 'मेरे स्वर्गीय पति दुर्गा सोरेन, जो कि झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे, उनके निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहे हैं. पार्टी और परिवार के सदस्यों द्वारा हमें अलग-थलग किया गया है, जो कि मेरे लिए अत्यंत पीड़ादायक रहा है. मैंने उम्मीद की थी कि समय के साथ स्थितियां सुधरेगी, परंतु दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ.'
उन्होंने आगे लिखा कि 'झारखंड मुक्ति मोर्चा को मेरे पति ने अपने त्याग समर्पण और नेतृत्व क्षमता के बल पर एक महान पार्टी बनाया था, आज वह पार्टी नहीं रहीं मुझे यह देखकर गहरा दुःख होता है कि पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चली गई है. जिनके दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे मूल्यों और आदर्शों से मेल नहीं खाते.'
सीता सोरेन ने आगे लिखा, 'शिबू सोरेन (गुरुजी बाबा के) अथक प्रयासों के बावजूद, जिन्होंने हम सभी को एकजुट रखने के लिए कठिन परिश्रम किया, अफसोस कि उसके प्रयास भी विफल रहे. मुझे हाल ही में यह ज्ञात हुआ कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ भी एक गहरी साजिश रची जा रही है. मैं अत्यन्त दुःखी हूं. मैंने यह दृढ़ निश्चय किया है कि मुझे झारखंड मुक्ति मोर्चा और इस परिवार को छोड़ना होगा. अतः मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं और आप से निवेदन करती हूं कि मेरे इस्तीफे को स्वीकार किया जाए.'
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