बिहार की राजनीति का सियासी हलचल दिल्ली की सीमा में प्रवेश कर गया है. यहां जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है. इससे पहले ही कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह इस्तीफा दे सकते हैं और नीतीश कुमार के हाथ में एक बार फिर से पार्टी की कमान आ सकती है.
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Bihar Politics: बिहार की राजनीति का सियासी हलचल दिल्ली की सीमा में प्रवेश कर गया है. यहां जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है. इससे पहले ही कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह इस्तीफा दे सकते हैं और नीतीश कुमार के हाथ में एक बार फिर से पार्टी की कमान आ सकती है. दरअसल यह भी खूब चर्चा का विषय बना हुआ है कि नीतीश कुमार ललन सिंह से नाराज हैं. अब इसको राजनीति के जानकार ऐसे समझ पा रहे हैं कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ जिनकी भी तल्खियां बढ़ी उनका समय खराब हो गया. उनके साथ कुछ ऐसा होता रहा है जिसकी कल्पना उलझने वाले स्वयं तक नहीं कर पाए हैं. ऐसा ही कुछ ललन सिंह के साथ भी होता दिख रहा है.
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दरअसल संसद के मानसून सत्र के दौरान 4 अगस्त, 2023 को लोकसभा में दिल्ली पुनर्गठन संशोधन विधेयक 2023 पर बहस हो रही थी. इस बिल पर ललन सिंह ने जनता दल यूनाइटेड का पक्ष रखा था. जनता दल यूनाइटेड ने बिल का विरोध करने का फैसला लिया था. ललन सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई थी. लोकलाज की याद दिलाई थी. मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम मोदी पर सीधा हमला बोला था. ललन सिंह ने कहा था, जब रोम जल रहा था तब नीरो बंसी बजा रहा था. उसके बाद पीएम मोदी की जाति को लेकर भी ललन सिंह अटैक करते रहे. यहां तक कि लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह के साथ ललन सिंह की नोकझोंक भी हुई थी. उसके बाद 11 दिसंबर को अमित शाह पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक के सिलसिले में पटना पहुंचे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उस बैठक में शामिल थे. आज करीब 20 दिन बीते हैं और ललन सिंह की कुर्सी खतरे में आ गई है. ललन सिंह की अध्यक्षी तो छोड़िए, अब तो बिहार में सरकार भी बदलने की चर्चा चल रही है.
थोड़ी सी नजर राहुल गांधी के साथ हुए वाकये पर भी डालिए. अमित शाह के साथ लगातार संसद में हर मामले में उलझ रहे कांग्रेस के नेताओं में सबसे मुखर होकर आलोचना करनेवालों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी शामिल रहे. हालात यह हुई की थोड़े ही वक्त के लिए सही उनका भी समय खराब होता नजर आया जब उनकी संसद की सदस्यता अदालत के एक फैसले की वजह से चली गई थी.
यही हाल दिल्ली पुर्नगठन संशोधन विधेयक में राज्यसभा में हंगामा कर रहे आप नेता संजय सिंह के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. तब अमित शाह उस विधेयक को पेश कर रहे थे और संजय सिंह तल्ख टिप्पणियां कर रहे थे. संजय सिंह का समय ऐसा खराब हुआ कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में संजय सिंह की गिरफ्तारी हो गई और अदालत में यह कहा गया कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और अभी तक उनकी जमानत नहीं हो पाई है. ऐसे में इन सारे प्रकरणों को एक बार ध्यान से देखें तो पता चलेगा कि अमित शाह के 'शत्रुहंता योग' की जद में शायद ललन सिंह भी आ गए हैं और उनसे उलझते ही उनका भी समय पार्टी में खराब हो गया है. अब जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में क्या होगा यह तो कल का दिन ही बताएगा.