2024 में महागठबंधन के अंदर कांग्रेस की होगी इज्जत? देखिए यूपी-बिहार और प. बंगाल में मिल सकती हैं कितनी सीटें
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2024 में महागठबंधन के अंदर कांग्रेस की होगी इज्जत? देखिए यूपी-बिहार और प. बंगाल में मिल सकती हैं कितनी सीटें

2024 से पहले कांग्रेस पार्टी को संजीवनी मिलने के आसार नजर आ रहे हैं. दरअसल, कर्नाटक चुनाव के ज्यादातर एग्जिट पोल्स में कांग्रेस को बहुमत मिलते नजर आ रहा है. यदि एग्जिट पोल्स नतीजों में तब्दील होते हैं तो बीजेपी को अपनी रणनीति के बारे में फिर से सोचना पड़ेगा.

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Lok Sabha Election 2024: 2024 से पहले कांग्रेस पार्टी को संजीवनी मिलने के आसार नजर आ रहे हैं. दरअसल, कर्नाटक चुनाव के ज्यादातर एग्जिट पोल्स में कांग्रेस को बहुमत मिलते नजर आ रहा है. यदि एग्जिट पोल्स नतीजों में तब्दील होते हैं तो बीजेपी को अपनी रणनीति के बारे में फिर से सोचना पड़ेगा. वहीं महागठबंधन में कांग्रेस के कद बढ़ोत्तरी हो सकती है. हालांकि अभी तक विपक्ष की अगुवाई बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करते नजर आ रहे हैं और कांग्रेस पार्टी भी उनके नेतृत्व को स्वीकार कर चुकी है.

यदि कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में अच्छा प्रदर्शन करती है तो उसका मनोबल काफी बढ़ेगा. सकारात्मक नतीजों के बाद वह महागठबंधन में अपनी भूमिका को बढ़ाने की कोशिश करेगी. राष्ट्रीय पार्टी होने के चलते ज्यादातर राज्यों में बीजेपी को कांग्रेस ही सीधी टक्कर देती रही है. हालांकि इस बार नीतीश कुमार क्षेत्रीय दलों को प्राथमिकता देने की वकालत कर रहे हैं. जिससे यूपी और बिहार सहित पश्चिम बंगाल में सीटों को लेकर पेंच फंस सकता है.

दिल्ली की गद्दी तक पहुंचने के लिए यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल की भूमिका हमेशा अहम रहती है. इसका बड़ा कारण है कि इन तीनों राज्यों में लोकसभा की 162 सीटें हैं. नीतीश की यूपी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल में टीएमसी सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात हो चुकी है. अखिलेश और ममता ने साथ देने की बात कही है, लेकिन महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ने पर अभी तक सस्पेंस कायम है. दूसरी ओर बीजेपी के खिलाफ मोर्चेबंदी में कांग्रेस की भूमिका अहम रहने वाली है. 

यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल में इस समय कांग्रेस की हालत काफी खराब है. तकरीबन 40 सालों से ज्यादा वक्त से इन राज्यों में कांग्रेस सत्ता से बाहर है. पार्टी अब इन राज्यों में अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ती है. यूपी में कांग्रेस अपनी परंपरागत सीटों को भी गंवा चुकी है. बिहार में कई सालों से राजद की पिछलग्गू बनी है. तो बंगाल में विपक्ष में बैठने के काबिल भी नहीं है. इन तमाम बातों को देखते हुए लगता है कि महागठबंधन में क्षेत्रीय दलों का दबदबा देखने को मिलेगा. हालांकि कर्नाटक चुनाव के नतीजे काफी असर डालेंगे. 

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बिहार में कांग्रेस की सीटें जेडीयू-आरजेडी के स्टैंड से तय होगा. जेडीयू-आरजेडी ने मिलकर नीतीश को दिल्ली भेजने का फैसला किया है, लिहाजा दोनों दल ज्यादा से ज्यादा सीटों पर लड़ेंगे. जिससे ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की जा सके. यदि ऐसा होता है तो बिहार की 40 सीटों में से जेडीयू और आरजेडी 16-16 या 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. इस स्थिति में कांग्रेस को बिहार में 5-6 सीटें ही मिल सकती है. पिछले चुनाव में पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में कांग्रेस सिर्फ 2 सीटें जीती थी. इसी तरह यूपी की 80 सीटों में से सिर्फ एक सीट पर सिमट गई थी. लिहाजा कुछ ज्यादा हासिल करने की संभावना कम ही हैं. हालांकि, पार्टी की डिमांड ज्यादा से ज्यादा सीटों की होगी.

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