Mission 2024: 2024 में नीतीश का मोदी से पहले ममता से होगा मुकाबला? जानिए क्या कह रहे सियासी समीकरण
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1696261

Mission 2024: 2024 में नीतीश का मोदी से पहले ममता से होगा मुकाबला? जानिए क्या कह रहे सियासी समीकरण

विपक्षी एकता के लिए केवल नीतीश ही प्रयास नहीं कर रहे हैं. ममता भी थर्ड फ्रंट तैयार करने की कोशिश कर रही हैं. नीतीश से पहले वो भी कई विपक्षी नेताओं से मिल चुकी थीं.

नीतीश कुमार-ममता बनर्जी

Oppositon Unity: कर्नाटक में बीजेपी की हार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए परेशानी का सबब बनकर आई है. दरअसल, कर्नाटक फतह के बाद राजनीतिक रूप से सूस्त पड़ी कांग्रेस में नई जान आ गई है. इस जीत के बाद कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से राष्ट्रीय पार्टी होने का दम भरेगी और कांग्रेस का यह आत्मविश्वास सीएम नीतीश की विपक्षी एकता की मुहिम को झटका दे सकता है. उधर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी नीतीश को बड़ा झटका दे सकती हैं. कर्नाटक चुनाव में इसके संकेत भी दिखाई देने लगे हैं.

नीतीश को उम्मीद है कि कर्नाटक नतीजों के बाद विपक्ष और ज्यादा मजबूत होगा. हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनकी पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया है. विपक्ष के अन्य नेताओं की तरह ममता ने भी कर्नाटक में बीजेपी की हार का जश्न मनाया लेकिन अंदाज बाकियों से जुदा था. उनके इसी अलहदा अंदाज में विपक्षी एकता पर संशय के संकेत साफ-साफ दिखे. ममता ने कर्नाटक में भगवा पार्टी की हार का पूरा श्रेय वहां की जनता को दिया. उनके बधाई संदेश में कांग्रेस का नाम तक नहीं था. 

ममता के ट्वीट से क्लियर हो गया कि वो अभी भी कांग्रेस के साथ काम करने को तैयार नहीं है. इसके अलावा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर भी कांग्रेस के बिना 'थर्ड फ्रंट' की बात करते रहे हैं. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की पॉलिटिक्स भी किसी के समझ नहीं आती. उधर ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक भी नीतीश के गु्ब्बारे को फोड़ चुके हैं. नीतीश बड़ी उम्मीद लेकर पटनायक से मिलने पहुंचे थे लेकिन पटनायक ने उनको ज्यादा तवज्जो नहीं दी. नवीन पटनायक ने साफ कहा है कि वो गठबंधन का हिस्सा नहीं रहेंगे.

ये भी पढ़ें- Karnataka Effect: कर्नाटक रिजल्ट का दिखेगा असर, नीतीश की कैबिनेट में अब कांग्रेस की बढ़ेगी भूमिका?

विपक्षी एकता के लिए केवल नीतीश ही प्रयास नहीं कर रहे हैं. ममता भी थर्ड फ्रंट तैयार करने की कोशिश कर रही हैं. नीतीश से पहले वो भी कई विपक्षी नेताओं से मिल चुकी थीं. कर्नाटक के नतीजों को लेकर ममता ने भले कांग्रेस को बधाई नहीं दी, लेकिन तीसरे नंबर पर रही पार्टी जेडीएस के नेता कुमार स्वामी की खूब प्रशंसा की. उनके इस तरह के संदेश से साफ है कि वो अभी भी तीसरे मोर्चे के गठन की ओर देख रही हैं. हो सकता है कि आने वाले वक्त में वो खुद इसकी अगुवाई करती नजर आएं.

Trending news