Opposition Meeting : लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा तैयार करने के लिए बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक हुईं. बैठक में करीब 15 दलों ने हिस्सा लिया. इस बैठक में विपक्षी पार्टियों प्रमुख नेताओं ने अपनी बात रखी. इस महत्वपूर्ण बैठक सभी दलों ने फैसला लिया कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार को विपक्षी दलों के गठबंधन का संयोजक बनाया जाएगा. यहां 10 प्वॉइंट में समझिए विपक्षी दलों की बैठक का क्या रहा नतीजा.
 


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  1. विपक्षी दलों की महाबैठक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी दलों के गठबंधन का संयोजक चुना गया है. सभी दलों के नेताओं ने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया है. विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम में जुटे नीतीश कुमार के लिए ये बड़ी कामयाबी है.

  2. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं खुद को विपक्ष नहीं मानता. हालांकि, हम सभी ऐसे किसी भी व्यक्ति का विरोध करेंगे जो देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला करेगा और तानाशाही स्थापित करने की कोशिश करेगा. उन्होंने कहा कि पटना बैठक एक अच्छी शुरुआत है.

  3. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव जीत गई तो देश में कोई चुनाव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का फोकस तीन बिंदुओं पर है. उन्होंने कहा कि पहला हम एकजुट हैं, दूसरा, एक साथ लड़ना, तीसरा शिमला बैठक. उन्होंने कहा कि विपक्ष मिलकर बीजेपी के एजेंडे का मुकाबला करेगा.

  4. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत की नींव पर हमला हो रहा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष लचीलेपन के साथ मिलकर काम करेगा और आम वैचारिक मूल्यों की रक्षा करेगा. राहुल गांधी ने इस बैठक के बाद कहा कि हम लोगों में कुछ विरोध होगा, लेकिन हमने तय किया है कि हम एक साथ काम करेंगे. जो हमारी विचारधारा है हम उसकी रक्षा करेंगे. कुछ ही समय बाद अगली मीटिंग होने वाली है और उसमें हम गहराई से बात करेंगे. यह विपक्षी एकता की एक रणनीति है.

  5. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी एकता की बैठक को लेकर कहा कि अब 12 जुलाई को शिमला में बैठक होगी, जिसमें विस्तार से चर्चा की जाएगी. वहां एक एजेंडा पर चर्चा की जाएगी. हर राज्य में अलग अलग तरीके से काम करना होगा.

  6. विपक्षी एकता की बैठक में इन मुद्दों जैसे हर सीट पर बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का एक प्रत्याशी, बीजेपी के खिलाफ बनने वाले गठबंधन का नाम. साथ ही सभी दलों के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला के अलावा दिल्ली को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश पर चर्चा हुई. 

  7. पटना में विपक्षी एकता की बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने धारा 370 हटाने पर आम आदमी पार्टी के रुख पर आश्चर्य जताया है. 

  8. पटना में विपक्षी एकता की बैठक में एक तरफ कांग्रेस अरविंद केजरीवाल की केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी समर्थन की मांग से दूर जाती नजर आई. वहीं, उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने राहुल गांधी से अपील की कि अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस केजरीवाल को समर्थन दे. 

  9. शिवसेना उद्धव ठाकरे और एनसीपी दोनों ने अंदेशा जताया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी बीआरएस, प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी, असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम और मायावती की पार्टी बीएसपी से विपक्षी एकता को नुकसान हो सकता है. इसलिए इन मुद्दों को सुलझाने के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम ही एक मात्र उपाय हो सकता है.

  10. बिहार में विपक्षी नेताओं के बैठक को लेकर राष्ट्रीय जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने ऐतिहासिक सार्थक बैठक बताया. साथ ही कहा विपक्षी एकता ऐसी ही मजबूत होने की जरुरत है, जिससे हिंदुस्तान को जीतने में कोई दिक्कत नहीं होगी. इधर पप्पू किनके साथ होंगे के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं कोशी सीमाचल मिथलांचल का नेता हूं. इतना कहकर उन्होंने चुप्पी साध ली.