बिहार से शुरू हुई विपक्षी एकता की हवा पूरे देश को नेताओं को भाजपा के खिलाफ साथ लाने में कितनी कामयाब होती है इसका पूरा खुलासा जल्द ही होनेवाला है. नीतीश कुमार 2024 की लोकभा चुनाव में भाजपा का पटखनी देने के लिए विपक्ष को एक मंच पर लाने की कवायद में लगे हुए हैं.
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Opposition Parties Meeting: बिहार से शुरू हुई विपक्षी एकता की हवा पूरे देश को नेताओं को भाजपा के खिलाफ साथ लाने में कितनी कामयाब होती है इसका पूरा खुलासा जल्द ही होनेवाला है. नीतीश कुमार 2024 की लोकभा चुनाव में भाजपा का पटखनी देने के लिए विपक्ष को एक मंच पर लाने की कवायद में लगे हुए हैं. कर्नाटक चुनाव से पहले इस बात की चर्चा जोरों से हो रही थी कि वहां के नतीजे आने के बाद ही विपक्षी नेता एक मंच पर पटना में बैठकर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे. आपको बता दें कि इसमें देरी हो रही थी और इसकी बड़ी वजह यह थी कि नीतीश कुमार कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद भी एक बार फिर से विपक्षी नेताओं से मिलने पहुंचे थे. ऐसे में अब इसको लेकर तारीख की घोषमा कर दी गई है.
अब बिहार की राजधानी पटना में 12 जून को विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होनेवाली है. जिसकी सूचना मिल रही है. इसका मतलब साफ है कि 2019 के विपक्षी एकता की कवायद वाली तस्वीर 12 जून को पटना में एक बार फिर देखने को मिलेगा. इस बैठक में भाजपा के खिलाफ पूरे देश से 18 पार्टियों के नेता शामिल होंगे. जहां लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष की रणनीति पर बात होने के साथ सीटों के बंटवारे और कई और चीजों पर एक साथ बात होने की संभावना है. इसके साथ हीं ममता बनर्जी ने जैसा नीतीश कुमार से मिलने के बाद कहा था कि शायद विपक्ष का साझा मैनिफेस्टो कैसा होगा इस पर भी यहां बात हो सकती है.
मतलब भाजपा के खिलाफ ताल ठोक रहे विपक्षी दलों के नेता देशभर से यहां इकट्ठा होंगे. इस दौरान विपक्ष की कोशिश यह भी रहेगी की विपक्षी एकता का भी प्रदर्शन किया जाएगा. जिसके जरिए विपक्षी दल एक तरह से भाजपा को अपनी ताकत दिखाएंगे. पटना में बैठक के लिए हालांकि अभी तक स्थान का चयन नहीं किया जा सका है.
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भाजपा को भी इस बैठक का इंतजार है ताकि वह अपनी सियासी रणनीति के लिए आगे का रास्ता बना सके. वैसे बता दें कि इस बैठक को लेकर जितना विपक्ष इंतजार कर रहा है उससे ज्यादा देश की जनता को एक मंच पर इतने सारे विपक्षी दलों के नेताओं को देखने का इंतजार है ताकि जनता भी उनकी बातों को समझ सके और फिर निर्णय ले सके कि उनको किसके पक्ष में मतदान करना है.
इस बैठक में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव तो होंगे हीं. साथ ही कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी के अलावा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, सपा नेता अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, एनसीपी नेता शरद पवार, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता उद्धव ठाकरे, वामदल से डी राजा और सीताराम येचुरी के शामिल होने की संभावना है.