यह बैठक इसलिए भी खास होने वाली है, क्योंकि इसमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल होंगी. माना जा रहा है कि इस बैठक में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का फॉर्मूला तय हो जाएगा.
Trending Photos
Bengaluru Opposition Meeting: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता की नींव पटना बैठक में रखी जा चुकी है. अब उस पर इमारत खड़ी करने का वक्त आ गया है. मोदी विरोध अब बेंगलुरु में इकट्ठा होने वाले हैं. विपक्ष की ये बैठक कल यानी सोमवार (17 जुलाई) को बेंगलुरु में होगी. यह बैठक इसलिए भी खास होने वाली है, क्योंकि इसमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल होंगी. माना जा रहा है कि इस बैठक में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का फॉर्मूला तय हो जाएगा.
बैठक में शामिल होने के लिए विपक्षी नेता आज (16 जुलाई) की शाम से ही बेंगलुरु पहुंचने लगेंगे. इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी शामिल होंगे. वहीं राजद की ओर से लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शिरकत करेंगे. कांग्रेस की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी भी शामिल हो सकते हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल को बुलाया गया है. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे भी शामिल हो सकते हैं.
ममता-केजरीवाल को लेकर संस्पेंस
इस बैठक में टीएमसी की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी न्योता भेजा गया है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी बुलाया गया है. हालांकि, दोनों नेताओं के पहुंचने पर काफी संस्पेंस बरकरार है. हालांकि, टीएमसी की ओर से कहा गया है कि ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी इस बैठक में शामिल होंगे. इससे पहले खबर आई थी कि ममता बनर्जी नहीं पहुंचेंगी.
ये भी पढ़ें- बिहार में नहीं लागू होगा यूसीसी, नीतीश कुमार ने मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के सदस्यों को दिया आश्वासन
कहा गया था कि हाल ही में हुई घुटने की माइक्रोसर्जरी के बाद डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है. उधर दिल्ली अध्यादेश पर कांग्रेस की चुप्पी के चलते अरविंद केजरीवाल के भी पहुंचने पर संदेह है. आम आदमी पार्टी पहले ही कह चुकी है कि जब तक दिल्ली अध्यादेश पर कांग्रेस का रुख साफ नहीं होता, वो विपक्ष के किसी कार्यक्रम में कांग्रेस के साथ मंच साझा नहीं करेगी.
AAP को खुश करने की कोशिश
बैठक को सफल बनाने के लिए कांग्रेस की ओर से आम आदमी पार्टी को खुश करने की कोशिश की गई है. कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि वह अध्यादेश विवाद में आम आदमी पार्टी का साथ दे सकती है. कांग्रेस का कहना है कि वह केंद्र सरकार द्वारा राज्यपालों के माध्यम से संघीय ढांचे पर किए जा रहे हमले के मुद्दे को संसद में उठाएगी. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि आगामी मानसून सत्र में कांग्रेस पार्टी की ओर से केंद्र सरकार द्वारा राज्यपालों के माध्यम से संघीय ढांचे पर किए जा रहे हमले को संसद में उठाया जाएगा. इसके अलावा कांग्रेस मणिपुर हिंसा, बालासोर ट्रेन हादसा, जीएसटीएन और मुद्रास्फीति मामले में सरकार को संसद में घेरेगी. यानी बैठक से पहले कांग्रेस ने अप्रत्यक्ष रूप से केजरीवाल के समर्थन की घोषणा की है.
ये भी पढ़ें- Bihar News: लाठीचार्ज मामले में नीतीश-तेजस्वी सहित 6 के खिलाफ FIR, बीजेपी ने दर्ज कराया मामला!
26 दलों के नेताओं को बुलाया गया
बेंगलुरु की बैठक में कांग्रेस की ओर से 26 दलों के नेताओं को बुलाया गया है. वहीं पटना की बैठक में सिर्फ 16 दलों को आमंत्रित किया गया था जिनमें से 15 ने मीटिंग में हिस्सा लिया था. रालोद के जयंत चौधरी पारिवारिक कार्यक्रम के कारण मीटिंग में शामिल नहीं हो सके थे. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 17 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों के लिए रात्रिभोज आयोजित किया है और 18 जुलाई को बैठक होगी. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी इस बैठक में भाग लेंगे.