Bihar Politics: पशुपति पारस ने नीतीश कुमार से कर दी ये मांग, अब देखना होगा कि CM इसे पूरा करेंगे या नहीं?
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Bihar Politics: पशुपति पारस ने नीतीश कुमार से कर दी ये मांग, अब देखना होगा कि CM इसे पूरा करेंगे या नहीं?

बिहार की राजनीति इन दिनों पूरे रंग में नजर आ रही है. लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मी सबसे ज्यादा बिहार में ही देखने को मिल रही है. कारण भी है कि यहीं से विपक्षी गठबंधन की नींव रखी गई और केंद्र की सत्ता के शिखर पर पहुंचने की विपक्ष की तैयारी यहीं से चल रही है.

(फाइल फोटो)

Bihar Politics: बिहार की राजनीति इन दिनों पूरे रंग में नजर आ रही है. लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मी सबसे ज्यादा बिहार में ही देखने को मिल रही है. कारण भी है कि यहीं से विपक्षी गठबंधन की नींव रखी गई और केंद्र की सत्ता के शिखर पर पहुंचने की विपक्ष की तैयारी यहीं से चल रही है. नीतीश कुमार ने इस गठबंधन को आकार देने के लिए खूब मेहनत की है. इस सब के बीच NDA के घटक दल में से एक स्वर्गीय राम विलास पासवान की लोजपा के नेता पशुपति कुमार पारस ने नीतीश कुमार से दो ऐसी मांदग कर दी है जिसे नीतीश कुमार पूरा करते हैं या नहीं यह देखना जरूरी है. 

पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान की 8 अक्टूबर रविवार को पुण्यतिथि थी. उनकी इस तीसरी पुण्यतिथि को लेकर पटना में पार्टी का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. ऐसे में पशुपति कुमार पारस ने इस कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार से दो मांग कर दी. 

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पशुपति कुमार पारस ने हाजीपुर स्टेशन  का नाम रामविलास पासवान के नाम पर करने और यहां उनकी बड़ी मूर्ति लगाए जाने की मांग की. उन्होंने साफ कहा कि नीतीश कुमार के अच्छे मित्र उनके बड़े भाई रामविलास पासवान थे ऐसे में वह उनसे यह मांग कर रहे हैं. ऐसे में पारस की इस मांग पर क्या नीतीश कुमार विचार करेंगे यह देखना होगा. 

हालांकि इस मौके पर पशुपति कुमार पारस ने केंद्र सरकार से भी मांग की. उन्होंने रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की भी मांग की. पशुपति कुमार पारस केंद्रीय मंत्री हैं और उन्होंने कहा कि उनके बड़े भाई दिवंगत रामविलास पासवान हमारे देवता थे. उनके द्वारा गरीबों के लिए किए गए कार्य को भुलाया नहीं जा सकता है. वह सतत गरीबों और देश की सेवा करते रहे. उनसे प्रेरणा लेकर ही हम भी लगातार आगे काम कर रहे हैं. 

पारस ने बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि जो आंकड़े इस रिपोर्ट में पेश किए गए वह पूरी तरह से गलत हैं. यह तो एक सर्वे हैं ना की जतीय जनगणना. बिहार में संख्या के आधार पर बात की जाए तो यादवों के बाद पासवान आते हैं. ऐसे में यह रिपोर्ट राजनीति से प्रेरित है. ऐसे में हम इस आंकड़े को लेकर मांग करते हैं कि इसकी दोबारा जांच की जाए. साथ ही इसमें जो भी अधिकारी संलिप्त हैं उनपर कड़ी कार्रवाई की जाए.

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