Prashant Kishor Profile: प्रशांत किशोर एक भारतीय रणनीतिकार और राजनेता हैं. जिन्होंने देश की कई प्रमुख सियासी दलों के लिए रणनीतिकार के रूप में काम किया है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत दिलाने में प्रशांत किशोर का अहम योगदान माना जाता है. इन्होंने ही प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी कैंपेन को डिजाइन किया था. अब 10 सालों के बाद प्रशांत किशोर खुद की पार्टी 'जन सुराज' को लॉन्च करने जा रहे हैं. प्रशांत किशोर ने ऐलान किया है कि वो पार्टी की लॉन्चिंग के बाद भी जन स्वराज पदयात्रा को जारी रखेंगे. जोकि 2 अक्टूबर 2022 से चल रही है.
बिहार में विधानसभा का चुनाव साल 2025 में होना हैं. इसको लेकर प्रशांत किशोर ने कहा है कि उनकी पार्टी जन सुराज बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जिसमें 40 सीटों पर वह महिला उम्मीदवार को उतारेंगे.
प्रशांत किशोर, जिन्हें लोग प्यार से पीके के नाम से बुलाते हैं. उन्होंने भारतीय राजनीति में इंट्री करने से पहले 8 वर्षों तक संयुक्त राष्ट्र के लिए काम किया. इस दौरान प्रशांत किशोर की मुलाकात जाह्नवी दास से हुई थी.
वहीं, अगर बात करें प्रशांत किशोर के व्यक्तिगत जीवन की, तो उनके पिता दिवंगत श्रीकान्त पांडे डॉक्टर थे. पत्नी जाह्नवी दास भी पेशे से डॉक्टर हैं. जोकि मूल रूप से असम की रहने वाली हैं. इन दोनों का एक बेटा है. प्रशांत किशोर बिहार के रोहतास जिले के सासाराम के एक छोटे से गांव कोनार के निवासी हैं.
अब बात करते हैं कि प्रशांत किशोर के लव लाइफ के बारे में. दरअसल, बहुत कम लोगों को जानकारी नहीं होगी कि प्रशांत रणनीतिकार और नेता बनने से पहले यूएन में काम करते थे. जहां उनकी और पत्नी जाह्नवी की मुलाकात यूएन के एक हेल्थ प्रोग्राम में साथ काम करने के दौरान हुई थी. दोनों की पहले मुलाकात हुई, फिर दोस्ती, प्यार और इसके बाद शादी के बंधन में बंध गए.
बता दें कि फिलहाल इनकी पत्नी जाह्नवी डॉक्टरी छोड़ बेटे के साथ बिहार में ही रहती हैं. साल 2018 में ही प्रशांत किशोर की माता जी का देहांत हो गया. जिसके बाद बाकी के भाई-बहन दिल्ली में रहते हैं. परिवार का कोई भी अब बिहार में नहीं रहता है, सिवाई प्रशांत किशोर और उनकी पत्नी और बेटे के.
प्रशांत किशोर के क्वालिफिकेशन की बात करें तो पिता पेशे से डॉक्टर थे, जिस वजह से उनकी पोस्टिंग अलग-अलग जगह होती रहती थी. जहां पिता का पोस्टिंग होती थी. प्रशांत किशोर वहां के सरकारी स्कूल में पढ़ते थे. शुरुआती पढ़ाई प्रशांत किशोर की इसी तरह हुई. इसके बाद वो पटना के कॉलेज चले गए, फिर वो दिल्ली के हिंदू कॉलेज आ गए. पढ़ाई के बीच में ही तबीयत खराब होने के वजह से उन्हें बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़नी भी पड़ी थी. पीके ने अपना ग्रेजुएशन लखनऊ से पूरा किया था.
प्रशांत किशोर बताते हैं कि उन्होंने 12वीं को करने के बाद 3 साल पढ़ाई नहीं की. फिर लखनऊ से ग्रेजुएशन करने के बाद दो साल ऐसे ही खाली रहे थे. प्रशांत कुछ समय हैदराबाद, फिर वहां से अमेरिका, भारत, दक्षिण अफ्रीका होते हुए वापस फिर से भारत आ गए. इस दौरान प्रशांत ने 2 साल यूएन में भी काम किया था.
प्रशांत किशोर ने 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद साल 2015 में बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इलेक्शन कैंपेन और स्ट्रेटेजी की जिम्मेदारी ली. इसके बाद 2016 में कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा चुनाव में चुनावी रणनीति तैयार करने के लिए प्रशांत किशोर को नियुक्त किया. फिर 2017 में कांग्रेस ने यूपी चुनावों की रणनीति को तैयार के लिए प्रशात को नियुक्त किया.
इसके बाद 2017 में किशोर को वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने अपना राजनीतिक सलाहकार के रूप में नियुक्त कर लिया. फिर 2020 में किशोर आम आदमी पार्टी के दिल्ली विधानसभा चुनाव में रणनीतिकार बने. इसके बाद साल 2021 में किशोर को पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक सलाहकार के रूप में नियुक्त कर लिया. साल 2021 में प्रशांत DMK प्रमुख एम के स्टालिन के भी राजनीतिक सलाहकार थे.
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