इस समारोह में 37 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल, जबकि 900 से ज्यादा छात्र-छात्राओं को डिग्री दी गई.
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प्रीतम कुमार, पटना : भारत की सातवीं सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी पटना विश्वविद्यालय में रविवार को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बतौर मुख्य अतिथि इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे. वित्त मंत्री रहते हुए 1984 में प्रणब मुखर्जी इस कार्यक्रम में पहले भी शामिल हो चुके थे. विश्वविद्यालय के कुलपति रासबिहारी प्रसाद सिंह ने उस समय उनके हाथों डिग्री ली थी. रविवार को रासबिहारी प्रसाद सिंह और प्रणब मुखर्जी 35 साल बाद एक साथ एक मंच पर उपस्थित थे.
पटना यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह का आयोजन पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में किया गया. इस समारोह में 37 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल, जबकि 900 से ज्यादा छात्र-छात्राओं को डिग्री दी गई.
छात्रों को दी निसर्च की सलाह
2017 में पीएचडी डिग्री और पोस्ट ग्रेजुएट पास करने वाले छात्रों को उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए गोल्ड मेडल दिया गया. अन्य छात्रों को डिग्री दी गई. प्रणब मुखर्जी ने खुद अपने हाथों से गोल्ड मेडलिस्ट को मेडल और डिग्री दी. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने बिहार के इतिहास, भूगोल और उसकी आर्थिक संभावनाओं पर बात की. प्रणब मुखर्जी ने कहा कि छात्रों में शोध की कमी है और इसपर जोर देने की जरूरत है.
'आधुनिक भारत में पटना यूनिवर्सिटी का रहा है अहम योगदान'
प्रणब मुखर्जी ने अपने संबोधन के दौरान पटना यूनिवर्सिटी का आधुनिक भारत में योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि याहां से बीसी रॉय, रामधारी सिंह दिनकर, सच्चिदानंद सिन्हा, जय प्रकाश नारायण जैसे लोग पढ़कर निकले और इन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में उपलब्धि हासिल की. उन्होंने कहा कि बिहार बौद्ध और जैन धर्म के प्रचार-प्रसार का क्षेत्र रहा है. चंद्रगुप्त जैसे महान शासकों ने इतिहास निर्माण में अहम भूमिका का निर्वहन किया है.
पूर्व राष्ट्रपति ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि साल 2035 तक बंगाल, असम, झारखंड, ओडिशा के साथ बिहार भी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 25 प्रतिशत का योगदान करेगा. दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों को बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने भी संबोधित किया.
लालजी टंडन ने कहा कि यहां का इतिहास, भूगोल और यहां के लोग दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं. छात्रों के सामने अब चुनौती है कि वो जिंदगी की असली परीक्षाओं का कितनी सफलतापूर्वक सामना करते हैं. कुलपति रासबिहारी प्रसाद सिंह ने कहा कि यह मैरा सौभाग्य है कि इस यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में हमें प्रणब मुखर्जी के साथ मंच शेयर करने का अवसर मिला है. रासबिहारी प्रसाद सिंह के मुताबिक, तमाम चुनौतियों के बावजूद हम (पीयू) और निखर रहे हैं.
कार्यक्रम के दौरान छात्र और छात्राओं को पारंपरिक भारतीय पोषाक में डिग्री दी गई. छात्रों के मुताबिक, बिहार में पटना यूनिवर्सिटी ही ऐसी एकमात्र यूनिवर्सिटी है, जहां परीक्षा और क्लास दोनों सही समय पर चलते हैं. पटना यूनिवर्सिटी में दाखिला लेना ही एक गौरव की बात है.