गया: दलाई लामा के कार्यक्रम की तैयारियां शुरू, 12 भाषाओं में प्रवचन होगा प्रसारित
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गया: दलाई लामा के कार्यक्रम की तैयारियां शुरू, 12 भाषाओं में प्रवचन होगा प्रसारित

दलाई लामा के प्रवचन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. इसमें कुल 50 देशों के बौद्ध श्रद्धालु शामिल होंगे. प्रवचन को 12 भाषाओं में प्रसारित किया जाएगा. 

दलाई लामा के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं.

गया: बिहार के बोधगया में दलाई लामा के पांच दिवसीय प्रवचन के आयोजन को लेकर भव्य पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. जिसमे देश-विदेश के 40 हजार से अधिक बौद्ध श्रद्धालु शामिल होंगे. इसको लेकर कालचक्र मैदान में तैयारियां शुरू कर दी गई है. पूरे मैदान में वाटर फायर प्रूफ, जर्मन हैंगर पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है.

वहीं, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 15 एलसीडी मॉनिटर भी लगाया जाएगा. बता दें कि दलाई लामा का आगमन 24 दिसंबर को बिहार के बोधगया में हुआ था. 25 दिसंबर को दलाई लामा ने महाबोधि मंदिर में विशेष पूजा की थी.

बता दें कि बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के प्रवचन का कार्यक्रम 2 जनवरी से 7 जनवरी तक चलेगा. इस प्रवचन में 50 देशों के बौद्ध श्रद्धालु शामिल होंगे. जानकारी के मुताबिक, कुल 12 भाषाओं में प्रवचन को प्रसारित किया जाएगा. प्रवचन को पहले दिन के धर्म गुरु 37 प्रैक्टिसेस ऑफ बोधिसत्व पर प्रवचन करेंगे. 

वहीं, चार जनवरी से छह जनवरी तक मंजुश्री का आवाहन करते हुए उनकी शक्ति को श्रद्धालुओं में आने का प्रवचन देंगे. जबकि सात जनवरी कोद व्हील ऑफ टीचिंग इन मंजुश्री एम्पावरमेंट के तहत पूर्व के प्रवचन को आगे बढ़ाया जाएगा. 

इधर, कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया है और दलाई लामा के प्रवास स्थान से लेकर कार्यक्रम स्थल तक भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.

वहीं, किसी भी गतिविधि पर ध्यान रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. साथ ही लोगों को जागरूक व सूचना देने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस अधीक्षक का नंबर भी पूरे बोधगया में लगाया गया है.

इन सभी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अस्थाई थाना को भी खोला गया है, ताकि किसी प्रकार की कोई घटना न हो सके. गौरतलब है कि 19 जनवरी 2018 को दलाई लामा के कार्यक्रम के बाद बिहार के बोधगया में आतंकियों के द्वारा बड़े धमाके की योजना बनाई गई थी. महाबोधि मंदिर परिसर के बाहरी हिस्से में बम को प्लांट किया गया था. इसमें महाबोधि मंदिर और दलाई लामा आतंकियों के निशाने पर रहे थे.