Republic Day Parade: रांची में पूरी हो गई तैयारियां, झांकियों के जरिए हर विभाग देगा रोजगार की झलक
Advertisement

Republic Day Parade: रांची में पूरी हो गई तैयारियां, झांकियों के जरिए हर विभाग देगा रोजगार की झलक

शिक्षा- इस झांकी में राज्य में बढ़ रही साक्षरता का प्रसार दिखाया जाएगा. सरकार की तरफ से हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचाने का संदेश दिया जाएगा. सरकारी विद्यालय की मॉडल बनाया जाएगा जहां शिक्षक बच्चों को पढ़ाते नजर आएंगे.

Republic Day Parade: रांची में पूरी हो गई तैयारियां, झांकियों के जरिए हर विभाग देगा रोजगार की झलक.

अभिषेक भगत/रांची: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में तीन हजार लोगों को ही आमंत्रित किया गया है. इसको लेकर राजधानी में Republic Day को लेकर रांची के मोरहाबादी मैदान में परेड की तैयारी जारी है. 72वें Republic Day के अवसर पर मोरहाबादी मैदान में आकर्षक झांकियां  तो निकली जाएंगी लेकिन स्कूली बच्चों की परेड नहीं होगी और ना ही कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम सिर्फ झारखंड पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की विभिन्न बटालियन इस वर्ष के Republic Day parade में शामिल होंगी. 

वही पूरा मोरहाबादी मैदान को तिरंगे से पाट दिया गया है और दस प्लाटूंस होंगे. इसको लेकर कई ट्राफ़िक रूट भी बदला जायेगा.

पहली बार करोना कॉल में हो रहे इस समारोह में होगा कुछ खास
Republic Day के दिन मोराबादी मैदान में परेड के साथ विभिन्न विभागों की झांकियां सामाजिक संदेश देती नजर आएंगी. कोरोना काल में पहली बार निकल रहे ही झांकियों का स्वरूप इस बार स्वस्थ भारत की टीम पर होगा. झांकियों के जरिए कोविड-19 मास्क और सैनिटाइजर की महत्ता लोगों को बताई जाएगी. लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए जागरूक किया जाएगा ताकि लोग वैक्सीन से नहीं घबराएं.

वही एक झांकी वन से जुड़े रोजगार पर भी फोकस रहेगी और हमारे जीवन में जंगल का क्या महत्व है इसे बताया जाएगा.

मोरहाबादी मैदान में 1 और पेयजल थीम पर प्रणय कुमार के नेतृत्व में 2 झांकियां बनाई जा रही है. वहीं राष्ट्रपति शर्मा के नेतृत्व में 3 झांकियां तैयार की जा रही है, जिसमें खादी शिक्षा ग्रामीण विकास योजना कला संस्कृति जैसी थीम पर काम हो रहा है. तैयारियां अंतिम चरण पर हैं.

शिक्षा- इस झांकी में राज्य में बढ़ रही साक्षरता का प्रसार दिखाया जाएगा. सरकार की तरफ से हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचाने का संदेश दिया जाएगा. सरकारी विद्यालय की मॉडल बनाया जाएगा जहां शिक्षक बच्चों को पढ़ाते नजर आएंगे.

ग्रामीण विकास- इस झांकी में ग्रामीण विकास और रोजगार की थीम है, जिसमें कोकून की खेती और रेशम का कैसे उत्पादन होता है दिखेगा साथ ही ग्रामीण जनजीवन का रूप दिखेगा.

कला संस्कृति- शंकर ठाकुर के नेतृत्व में कला संस्कृति की थीम पर एक झांकी बन रही है. इसमें पारसनाथ मंदिर का दर्शन होगा. मंदिर के साथ वहां तक जाने वाले रास्ते के दृश्य भी दिखेंगे. मंदिर की नक्काशियों को भी दिखाया जाएगा.

अल्बर्ट एक्का गंगा प्रसाद के नेतृत्व में 1971 के भारत-पाक युद्ध को झांकी के जरिए दिखाया जाएगा. इसमें परमवीर चक्र विजेता अल्बर्ट एक्का की वीरता की कहानी नाटक के जरिए दिखाई जाएगी.

वन झांकी- जंगल से मिलने वाली चीजों पर फोकस है. इसमें जंगल पहाड़, पर्वत, नदी, बांस से बनी हुई वस्तुओं का ढांचा बनाया गया है. इंसानों और जानवरों की मूर्तियां भी बनाई जा रही है. इस झांकी में इनसे जुड़े और रोजगार को बढ़ावा देने का संदेश होगा जिसमें खासतौर पर लाहौर बांस से बनी सामग्रियों को दर्शाया जाएगा.

पेयजल झांकी में जल ही जीवन है का संदेश दिया जाएगा. इसमें घर टंकी पाइप लाइन का ढांचा और कुछ लोगों की मूर्तियां होंगी, जिसमें घर-घर में पेयजल पहुंचाने की तत्परता और इस ओर किए जा रहे कार्यों को दिखाया जाएगा. इस झांकी में हर घर में नल योजना का संदेश दिया जाएगा.

खादी- इसमें स्वदेशी और खादी से बने सामानों को उपयोग में लाने और अपनाने की बात बताई जाएगी. इसमें लोग मास बनाते चरखा चलाते हुए दिखेंगे. कोरोना की वैक्सीन व सैनिटाइजर की महत्ता बताई जाएगी. इसमें गांधी जी की प्रतिमा और खादी से बनी हुई वस्तुएं भी होंगी.