एसएसपी ने कहा कि झारखंड के मुख्य सचिव के निर्देश पर यह छापेमारी की गई है. छापेमारी के दौरान 6000 नगद और कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबर मिले हैं
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नीतेश/धनबाद: झारखंड की जेलों में बंद बड़े-बड़े अपराधी अंदर से ही अपराध की योजना बना रहे हैं. जेल में बैठे-बैठे मोबाइल फोन से फिरौती की मांग कर रहे हैं. बाहर में मौजूद अपने गुर्गों के माध्यम से संगीन अपराधों को अंजाम दे रहे हैं. इससे पुलिस-प्रशासन परेशान है. जेल में बंद अपराधियों की नकेल कसने के लिए बुधवार को धनबाद, गिरिडीह सेंट्रल जेल और कोडरमा जेल समेत झारखंड की कई जेलों में एक साथ छापेमारी हुई.
धनबाद जेल में तो चार दिन के अंदर बुधवार को दूसरी बार पुलिस-प्रशासन ने छापा मारा. 18 अक्टूबर को भी धनबाद जेल में छापेमारी हुई थी. जानकारी के अनुसार, धनबाद जेल में बुधवार की दोपहर 12:15 बजे डीसी उमाशंकर सिंह और एसएसपी असीम विक्रांत मिंज के नेतृत्व में छापामारी की गई. इस छापामारी के लिए कुल 5 टीम गठित की गई थी.
इसमें पुलिस अधिकारियों के अलावा दंडाधिकारी भी शामिल किए गए. डीसी उमाशंकर सिंह और एसपी असीम विक्रांत मिंज पूरे दलबल के साथ अचानक मंडल कारा धनबाद पहुंचे. अधिकारियों की टीम को देखते ही मुख्य दरवाजा तुरंत खोल दिया गया. टीम के अंदर प्रवेश करते है ही वार्डो के निरीक्षण में जुट गई. जेल का मुख्य दरवाजा भी बिना देरी के ही खोल दिया गया.
बीते सोमवार को भी अधिकारियों की टीम ने मंडल कारा धनबाद में छापामारी की थी. इस दौरान एक मोबाइल फोन एवं अन्य नशीला पदार्थ बरामद किया गया था. ठीक 2 दिनों के अंदर दूसरी बार छापामारी से जेल में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं, धनबाद जेल में छापेमारी के बाद एसएसपी ने कहा कि झारखंड के मुख्य सचिव के निर्देश पर यह छापेमारी की गई है. छापेमारी के दौरान 6000 नगद और कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबर मिले हैं, जिसे जांच किया जा रहा है. वहीं, अगले बार की तरह गुटखा इस बार नहीं मिला है. नगद मिले रुपए को लेकर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.