Amit Shah Comming Jharkhand: मिशन 2024 को धार देने झारखंड आ रहे हैं अमित शाह, आखिर क्या है भाजपा का झारखंड प्लान
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Amit Shah Comming Jharkhand: मिशन 2024 को धार देने झारखंड आ रहे हैं अमित शाह, आखिर क्या है भाजपा का झारखंड प्लान

 Amit Shah Comming Jharkhand: भाजपा ने 2024 में पहले लोकसभा चुनाव और फिर इसके ही कुछ महीनों बाद झारखंड के विधानसभा चुनावों को देखते हुए तैयारी पहले ही शुरू कर दी थी. 

Amit Shah Comming Jharkhand: मिशन 2024 को धार देने झारखंड आ रहे हैं अमित शाह, आखिर क्या है भाजपा का झारखंड प्लान

रांची: Amit Shah Comming Jharkhand: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह झारखंड आने वाले हैं. साल 2023 के आगमन के साथ अब लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक साल और रह गए हैं, इस लिहाज से भाजपा चुनावी मोड में आ गई है. अमित शाह ने आगामी चुनाव में जीत के रथ को आगे बढ़ाने के लिए उसकी बागडोर अपने हाथ में ले ली है. इसी के मद्देनजर 7 जनवरी को वह प्रदेश में आएंगे और मतदाताओं का रुझान अपनी ओर करने के साथ ही पार्टी को भी अलर्ट करेंगे. केंद्रीय गृहमंत्री चाइबासा में जनसभा करेंगे. 

लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कसी कमर
भाजपा ने 2024 में पहले लोकसभा चुनाव और फिर इसके ही कुछ महीनों बाद झारखंड के विधानसभा चुनावों को देखते हुए तैयारी पहले ही शुरू कर दी थी. अभी तीन महीने पहले ही लक्ष्मीकांत वाजपेयी को इसीलिए प्रदेश प्रभारी बनाया गया है. 2014 में वाजपेयी की उत्तर प्रदेश में प्रभारी की भूमिका रही थी, जहां चुनाव में पार्टी को बड़ी जीत हासिल हुई थी. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कार्यकर्ताओं से साफ कहा कि राज्य की लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करना पार्टी का लक्ष्य है और कार्यकर्ताओं को अभी से इसमें जुट जाना है. 

ये है भाजपा का झारखंड प्लान
चाईबासा में जनसभा की तैयारी को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश, राज्य में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी सहित प्रदेश की कोर टीम के सभी प्रमुख नेता चाईबासा पहुंच गए हैं. जनसभा में ज्यादा से ज्यादा लोग पहुंचें, यह सुनिश्चित करने के लिए अगले चार-पांच दिनों तक ये नेता एक-एक प्रखंड का दौरा करेंगे. देश के अधिकतम राज्यों में केसरिया झंडा फहराने के बाद भाजपा को झारखंड की जीत की अहमियत पता है. झारखंड भले ही सीमाओं में छोटा है, लेकिन अर्थव्यवस्था के लिहाज से इसका अलग ही महत्व है. केंद्रीय नेतृत्व यह जानता है कि राज्य में जीत के लिए जनजातीय समाज के बीच पैठ बनाना जरूरी है. इसीलिए शाह की जनसभा के लिए चाईबासा को चुना गया है. 

 

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