बोकारो : बोकारो में 17 दिनों से करीब 400 मुर्गियों के मरने को लेकर सनसनी मच गई है. बर्ड फ्लू की आशंका के मद्देनजर एहतियातन बरता जा रहा है. हालांकि पशुपालन अधिकारी कह रहे है जबतक रिपोर्ट नहीं आ जाय तबतक इसे बर्ड फ्लू नहीं मान रहे हैं. मुर्गी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फॉल कोलेरा का रिपोर्ट आया है.


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अलर्ट मोड में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन 
मुर्गी के मरने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है. होली से पहले बोकारो के सरकारी पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों के मरने के साथ ही अब पशुपालन विभाग, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है. जहां दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है और जमीन खोदकर मरे हुए मुर्गियों को दफनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.


मुर्गियों का सैंपल भेजा गया कोलकाता
बता दें कि पशुपालन निदेशक चंदन कुमार के नेतृत्व में एक टीम बोकारो पहुंची थी. टीम ने बोकारो के सेक्टर 12 स्थित लोहांचल में सरकारी मुर्गी फार्म में आकर स्थिति का जायजा लिया. इसके पहले मुर्गियों का सैंपल कोलकाता भेजा गया. वहां पर बर्ड फ्लू की पुष्टि मुर्गियों में है कि नहीं इसपर अधिकारी कह रहे हैं कि अभी जांच रिपोर्ट आई नहीं है और जांच रिपोर्ट का इंतजार है. कोलकाता के लैब से कुछ सैंपल को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्यूरिटी एनिमल डिजीत भोपाल भेजा गया है. यहां की रिपोर्ट का पशुपालन विभाग की तरफ से इंतजार किया जा रहा है.


17 दिन में 400 मुर्गियों की हुई मौत
पशुपालन निदेशालय की तरफ से सरकारी पोल्ट्री में सभी मुर्गियों पर नजर रखने का निर्देश दिया है. बताया जा रहा है कि भोपाल के लैब से यदि मुर्गियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि की जायेगी तो राज्य के मुख्य सचिव और विभागीय सचिव को रिपोर्ट भेजी जायेगी. बोकारो में सरकारी मुर्गी फार्म में एहतियात के तौर पर दवाई का छिड़काव किया जा रहा है साथ ही किसी के प्रवेश पर वर्जित है. इस फार्म में कड़कनाथ और आइलैंड रेड कि मुर्गियां है जहां दोनो प्रजातियों के करीब 400 मुर्गियां 17 दिन के अंदर मर जाने के बाद हड़कंप मचा हुआ है और पशुपालन विभाग के सहरसा जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है.


इनपुट-  मृत्युंजय मिश्रा


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