खूंटी:Jharkhand Monsoon: झारखंड में मानसून की बेरुखी ने लोगों के जीना मुश्किल कर दिया है. कम बारिश होने के कारण राज्य में सूखे की आहट है. खेतों में पानी कम होने के चलते खेतों से नमी गायब है. ऐसे में धान की रोपाई के लिए आस में लगाए बैठे किसानों के माथे पर चिंता का पसीना है. 


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धान के बिचड़े हो रहे बर्बाद
झारखंड में अभी तक औसत से 48 प्रतिशत कम बारिश हुई है और बारिश कम होने के चलते धान की बुआई अब तक महज 5.81 प्रतिशत हुई है. ऐसे में बारिश की आस लिए किसान सूखे खेत में ही धान की रोपाई कर रहे हैं. खूंटी के किसान धान के बिचड़े को बर्बाद होने से बचाने के लिए सूखे खेत में धान रोपाई कर रहे हैं. जिले के रनिया थाना क्षेत्र के तुरीगड़ा गांव निवासी देवकुमार सिंह ने कहा कि पानी के अभाव में और बारिश की आस लिए धान की रोपाई कर रहे हैं. हम मेहनत करके अपनी फसल को भगवान के भरोसे छोड़ रहे हैं और अगर धान नहीं भी हो तो पशुओं के लिए चारा तो हो जाएगा. 


कीचड़ में धान की रोपाई 
किसान इस आस में सूखे खेतों में भी धान की रोपाई करने को करने के मजबूर हैं क्योंकि अगर अगर फसल नहीं भी होता है तो कम-से-कम पशुओं के लिए चारा का प्रबंध तो हो जाएगा. तुरीगड़ा गांव निवासी सुनीता देवी अपने खेत में पानी पटवन करके कीचड़ बनाकर धान की रोपाई कर रही है. उन्हें उम्मीद है कि बारिश होने के बाद फसल हो जाएगी. सुनीता देवी ने कहा कि समय रहते बारिश नहीं हो पाई है. हमलोग अपने खेत में थोड़ा सा पानी डालकर कीचड़ बना लेते हैं फिर उसी कीचड़ में धान की रोपाई कर रहे हैं. 


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बता दें कि झारखंड के 24 में से 16 जिलों में अभी तक धान की खेती की कायदे से शुरुआत भी नहीं हुई है. किसानों ने खेतों में बीज तो डाल दिए हैं, लेकिम पानी की कमी से बिचड़े सूख रहे हैं.