रांची: President Election 2022: झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का आधिकारिक तौर पर एलान कर दिया है. पार्टी के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने 14 जुलाई की शाम इस आशय का पत्र जारी किया है. जेएमएम की इस घोषणा को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. 


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झारखंड में बदलेंगे राजनीतिक समीकरण?
बता दें कि झारखंड में जेएमएम की अगुवाई में गठबंधन सरकार चल रही है, जिसमें कांग्रेस और राजद भी शामिल हैं. जेएमएम आज की तारीख तक यूपीए फोल्डर की पार्टी के रूप में जानी जाती है. अब कांग्रेस और राजद से अलग हटकर जेएमएम के इस स्टैंड के बाद कयास लगाये जा रहे हैं, आने वाले दिनों में राज्य में नये राजनीतिक समीकरण विकसित हो सकते हैं.


शिबू सोरेन ने किया समर्थन का ऐलान
झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन (Shibu Soren) ने पार्टी के सांसदों और विधायकों के नाम जारी आदेश में कहा है कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मू आदिवासी महिला और झारखंड की पूर्व राज्यपाल हैं. आजादी के बाद पहली बार किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त होने वाले है. सम्यक विचार के बाद पार्टी ने श्रीमती मुर्मू के पक्ष में मतदान करने का निर्णय लिया है. सभी सांसदों और विधायकों को पार्टी के इस आदेश का पालन करने का निर्देश दिया गया है.


द्रौपदी मुर्मू ने शिबू सोरेन और हेमंत से की थी मुलाकात
गौरतलब है कि विगत 4 जुलाई को राष्ट्रपति पद की एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से मुलाकात कर समर्थन मांगा था. इस मुलाकात के वक्त केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री और भाजपा नेता अर्जुन मुंडा भी मौजूद रहे. 


मुर्मू का झामुमो नेताओं ने बेहद गर्मजोशी के साथ स्वागत किया था. तब पार्टी ने आधिकारिक तौर पर उनके समर्थन की घोषणा नहीं की थी, लेकिन सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर इसका संकेत दे दिया था.


उन्होंने ट्वीट कर कहा था- 'द्रौपदी मुर्मू आज झारखंड आ रही हैं, भगवान बिरसा मुंडा की पावन धरती पर उनका हार्दिक स्वागत है. द्रौपदी मुर्मू को हमारी ओर से अनेक-अनेक शुभकामनाएं.'


इसके पहले राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी का स्टैंड तय करने के लिए झामुमो सांसदों, विधायकों और पार्टी के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई थी, जिसमें ज्यादातर ने द्रौपदी मुर्मू के प्रति समर्थन की राय व्यक्त की थी. हालांकि सर्वसम्मति नहीं बनी थी तब इस संबंध में निर्णय के लिए पार्टी के अध्यक्ष शिबू सोरेन को अधिकृत किया गया था.


(आईएएनएस)