रांची: आषाढ़ शुक्ल पक्ष के द्वितीय से शुरू होकर एकादशी तक लगातार 10 दिनों तक चलने वाला मेला आज संपन्न हो गया. भगवान श्री जगन्नाथ 10 दिनों तक अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ मौसी बाड़ी के गुंडिचा मंदिर में प्रवास करते हैं. उनका यही प्रवास रथ मेले का स्वरूप ले लेता है. 


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रांची के जगन्नाथपुर मंदिर की बात करें तो 1691 में इसकी शुरुआत हुई और लगातार 332 वर्षों से यह परंपरा निभाई जा रही है. इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं. रथ खींचने की होड़ लगी रहती है. आज भी यह दृश्य नजर आया और भगवान जगन्नाथ अपने मंदिर पहुंच गए हैं. वहां मंगल आरती के साथ उन्हें मंदिर में रखा जाएगा. 


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हटिया डीएसपी राजा कुमार मित्रा ने बताया कि 10 दिनों तक चलने वाला यह आयोजन बेहद महत्वपूर्ण है और रथ वाहक के रूप में काम करके बेहद आनंद मिलता है. उत्तराधिकारी सुधांशु नाथ शहदेव ने कहा कि रथ मेला सही से संपन्न कराना ही सबसे बड़ी जिम्मेवारी होती है. बिना किसी अप्रिय घटना के यह पूरी हो गई, इसके लिए हमने भगवान श्री जगन्नाथ का धन्यवाद किया. इसके साथ ही सालों की यह परंपरा पूर्ण हो गई.


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